Uttarakhand News, 20 July 2023: चमोली: ऊर्जा निगम चमोली में एसटीपी में करंट फैलने की वजह बिजली आपूर्ति की आंतरिक लाइन को मान रहा है। निगम का दावा है कि ट्रांसफार्मर में कोई खराबी नहीं है और न ही मुख्य लाइन से एसटीपी के मीटर तक किसी प्रकार की समस्या है। ऊर्जा निगम मुख्यालय ने घटना पर दुख जताते हुए मृतक आश्रितों और घायलों के लिए 25 लाख रुपये की राहत राशि संबंधित विद्युत वितरण खंड को भेज दी है। चमोली में हादसे के बाद ऊर्जा निगम मुख्यालय से तमाम अधिकारी घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे। जहां उन्होंने ट्रांसफार्मर से लेकर एसटीपी तक विद्युत आपूर्ति और उपकरणों की जांच की। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि निदेशक (परिचालन) के स्तर से घटना के संबंध में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसके अनुसार चमोली पुल के पास स्थित 11 केवी निजमुला फीडर से एसटीपी को 20 किलोवाट का कनेक्शन दिया गया है।

कुछ सेकेंड में ही हुई बड़ी घटना: क्षेत्र के लाइनमैन ने बताया कि उक्त फीडर पर तीन में से दो फेज आ रहे थे। लाइनमैन ने पेट्रोलिंग में पाया कि एसटीपी के समीप स्थित पोल पर 11 केवी फीडर का एक जंफर निकला हुआ है। इसे लगाने के लिए सुबह 11:15 बजे शटडाउन लिया गया और 11:25 पर शटडाउन वापस लिया गया। बिजली आपूर्ति सुचारू होने के कुछ मिनट बाद ही उन्हें सूचना मिली कि एसटीपी परिसर में करंट लगने से बड़ी दुर्घटना हो गई है।

ट्रांसफार्मर और विद्युत मीटर में कोई कमी नहीं: अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर अमित सक्सेना ने जानकारी दी कि प्लांट में करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, लेकिन इस संबंध में ऊर्जा निगम के पास कोई जानकारी नहीं थी। प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया, प्रथमदृष्टया संज्ञान में आया है कि उक्त स्थान पर स्थापित ट्रांसफार्मर और प्लांट परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में कोई कमी नहीं है। संभवतः मीटर से आगे परिसर की विद्युत लाइन में कोई आंतरिक दोष था। ऊर्जा निगम की ओर से वास्तविक कारणों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा रही है।

चमोली कस्बे में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट फैलने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले वर्ष 2019 और 2020 में भी प्लांट में करंट फैलने से कई व्यक्ति झुलस गए थे। एक श्रमिक का तो हाथ तक काटना पड़ा था। बुधवार को मौके पर पहुंचे अधिकारियों को स्थानीय निवासियों ने बताया कि वर्ष 2019 में एक महिला एसटीपी में करंट लगने से झुलस गई थी। इसके अलावा एसटीपी में काम करने वाले पांच नेपाली श्रमिक भी करंट की चपेट में आ गए थे। इसके बाद संबंधित विभाग व कंपनी ने अर्थिंग की मरम्मत का दावा भी किया था। यह एसटीपी वर्ष 2018 में बनकर तैयार हुआ और वर्ष 2019 में इसने काम करना शुरू कर दिया। वर्ष 2021 में इसे जल संस्थान को हस्तांतरित किया गया। पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि पूर्व में दो बार एसटीपी में करंट फैलने की जानकारी स्थानीय निवासियों ने पुलिस को दी है। फिलहाल घटना को लेकर कोई तहरीर पुलिस को नहीं मिली है।

ये है मामला: चमोली में नमामि गंगे परियोजना की साइट पर विद्युत करंट लगने से बुधवार को बडा हादसा हुआ। इस दुर्घटना में 16 लोगों की मौत व 11 नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए है। गंभीर रूप से घायल छ: नागरिकों को एयर लिफ्ट करके ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया। जबकि पांच लोगों का जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

चमोली हादसे को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय: चमोली में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत बने सीवेज शोधन संयंत्र परिसर में करंट फैलने से हुए हादसे को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को घटना का पूरा ब्योरा देने के साथ ही बचाव एवं राहत कार्यों के दृष्टिगत उठाए गए कदमों की जानकारी दी।चमोली हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने शासन के साथ ही चमोली के डीएम, एसएसपी को बचाव एवं राहत कार्यों में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिए। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री को फोन कर घटना की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्थिति का ब्योरा दिया। साथ ही घायलों को उपचार के लिए हेलीकाप्टर से एम्स ऋषिकेश लाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री स्वयं भी घटनास्थल के लिए रवाना हुए, लेकिन मौसम अनुकूल न होने के कारण उनके हेलीकाप्टर को वापस देहरादून लौटना पड़ा। बाद में वह घटना में झुलसने के कारण ऋषिकेश एम्स लाए गए पीडि़तों का हालचाल जानने पहुंचे।