Uttarakhand News, 27 July 2023: देहरादून: कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर बुधवार को गांधी पार्क में मुख्य समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बलिदानियों के स्वजन को सम्मानित भी किया। सीएम ने घोषणा की कि देहरादून के हरबर्टपुर व पिथौरागढ़ के डीडीहाट में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जाएगा। प्रदेश के सभी सैनिक द्वार व स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन इसलिए जरूरी हैं ताकि भावी पीढ़ी इस शौर्य गाथा से परिचित हो। इसे अपने मानस पटल, अपनी स्मृति में रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी जरूरत पड़ी है उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध में भी उत्तराखंड से 75 वीर सपूत शहीद हुए थे। कहा कि अपने सैनिकों की स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे।
सीएम ने घोषणा की कि देहरादून के हरबर्टपुर व पिथौरागढ़ के डीडीहाट में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जाएगा। प्रदेश के सभी सैनिक द्वार व स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी।
भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन इसलिए जरूरी हैं ताकि भावी पीढ़ी इस शौर्य गाथा से परिचित हो। इसे अपने मानस पटल, अपनी स्मृति में रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी जरूरत पड़ी है उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध में भी उत्तराखंड से 75 वीर सपूत शहीद हुए थे। कहा कि अपने सैनिकों की स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे।