Uttarakhand News 27 June 2024: Banbhulpura Missing Girl Case 20 जून को बनभूलपुरा से दो नाबालिग छात्राएं रहस्यमय परिस्थिति में लापता हो गई थीं। दूसरे समुदाय का नाबालिग उन्हें भगाकर ले गया था। नाबालिग छात्राओं के अपहरणकर्ताओं के तार मानव तस्करी से जुड़ रहे हैं। जिसके बाद मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपित के मामा दीदी-जीजा समेत चार आरोपितों पर मानव तस्करी व पाक्सो अधिनियम की धारा भी बढ़ा दी है।
हल्द्वानी। Banbhulpura Missing Girl Case: बनभूलपुरा से अपहृत दो छात्राओं के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। नाबालिग छात्राओं के अपहरणकर्ताओं के तार मानव तस्करी से जुड़ रहे हैं। आशंका है कि छात्राओं को बदायूं के बाद मुजफ्फनगर होते हुए मुंबई में मानव तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपित के मामा, दीदी-जीजा समेत चार आरोपितों पर मानव तस्करी व पाक्सो अधिनियम की धारा भी बढ़ा दी है।
साथ ही मुजफ्फरनगर व मुंबई कनेक्शन चेक किया जा रहा है। 20 जून को बनभूलपुरा से दो नाबालिग छात्राएं रहस्यमय परिस्थिति में लापता हो गई थीं। दूसरे समुदाय का नाबालिग उन्हें भगाकर ले गया था। छात्राओं की बरामदगी के लिए हिंदूवादी संगठन व भाजपा से जुड़े लोगों ने पुलिस बहुउद्देशीय भवन व कोतवाली के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था। पुलिस ने टीमों की संख्या बढ़ाई।
उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दबिश डाली। सर्विलांस व सीडीआर खंगाली, जिसके बाद मंगलवार को बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर व मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी ने मंसूरपुर मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से दोनों छात्राओं व आरोपित नाबालिग को पकड़ लिया था।
पुलिस पूछताछ में पूरे मामले का मास्टरमाइंड नाबालिग आरोपित का मामा बनभूलपुरा लाइन नंबर 17 निवासी अब्दुल समी उर्फ भोला निकला। उसी ने भांजे का उकसाया था, क्योंकि वह खुद हिंदू युवती से शादी कर चुका है।
वहीं, नाबालिग आरोपित की सहसवान बदायूं निवासी बहन निशा उर्फ नूरीन व उसके पति उजैर उर्फ आसिफ ने नाबालिग को भगाने में सहयोग किया और मुजफ्फरनगर निवासी आमिल ने भी मोबाइल खरीदकर रुपये देकर मदद की। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार देर शाम तक नाबालिग छात्राओं, आरोपित नाबालिग व उसके मामा-दीदी-जीजा व आमिल से पूछताछ की।
इसके बाद सभी के खिलाफ मानव तस्करी व पाक्सो अधिनियम की धारा बढ़ा दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार छात्राओं को गुमराह कर नौकरी का लालच देकर मुंबई ले जाया जा रहा था। जहां मानव तस्करी की आशंका थी। पूरे मामले में बनभूलपुरा से लेकर बदायूं, मुजफ्फनगर व मुंबई तक का कनेक्शन खंगाला जा रहा है। जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे। आरोपितों पर कानूनी शिकंजा कसता जाएगा।
स्वजन के सुपुर्द की गईं नाबालिग छात्राएं
बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि मंगलवार देर शाम नाबालिग से पूछताछ के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया, जहां से दोनों पीड़ित नाबालिग छात्राओं को स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया। वहीं, नाबालिग आरोपित को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। इसके अलावा चार अन्य आरोपितों को बुधवार दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद चारों को जेल भेज दिया गया।
नौकरी व आधार कार्ड में उम्र बढ़ाने जैसी बात आई सामने
पुलिस जांच में सामने आया कि नाबालिग आरोपित के मामा अब्दुल समी ने मुंबई में नाबालिग छात्राओं को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। उसने यह भी कहा कि अगर वह अपने संग आधार कार्ड लेकर आई होतीं तो वह उनकी उम्र बढ़ा देता। उसका मानना था कि ऐसे में बालिग होने पर वह खुद निर्णय ले सकती थीं।
आरोपितों के विरुद्ध मानव तस्करी व पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई गई है। मानव तस्करी के एंगल की गहनता से जांच की जा रही है। सभी आरोपितों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
प्रह्नलाद नारायण मीणा, एसएसपी