Uttarakhand News 03 Dec 2024: पहाड़ पर स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर किए जाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हल्द्वानी से 28 किलोमीटर दूर भीमताल के सरकारी अस्पताल में दस्त की शिकायत पर पहुंचे पर्यटक को बेहतर उपचार नहीं मिल सका।

हल्द्वानी अस्पताल में पहुंचने तक पर्यटक ने दम तोड़ दिया। पर्यटक के स्वजन ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि भीमताल में पिता को उपचार मिलता तो शायद जान बच जाती।

जन्मदिन मनाने के लिए आए थे भीमताल
मुंबई के आरएस नवलकर मार्ग तारवाड़ी चीर बाजार निवासी 74 विनोद आर्या अपने स्वजन संग अपना जन्मदिन मनाने के लिए भीमताल आए थे। उनकी बेटी वसुधा आर्य ने बताया कि वह मुंबई में आईटी कंपनी में जाब करती हैं। 30 नवंबर को पिता विनोद आर्य का जन्मदिन बनाने भीमताल आए थे।

एक नवंबर को वह नैनीताल घूमने गए। रात को भीमताल होटल में पिता का जन्मदिन बनाया। सोमवार की सुबह पिता को लूज मोशन हो गया। इसके बाद उनका शुगर लो हो गया। होटल मैनेजर को डाक्टर बुलाने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद वह नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले गए।

आरोप है कि डाक्टरों ने उपचार करने से मना कर दिया। गिड़गिड़ाने पर उपचार किया और फिर डा. सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया। जहां डाक्टर ने पिता को मृत घोषित कर दिया। कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया है।

जिन्हें जन्मदिन पर खुशी मनाने आए, उनकी लाश लेकर लौटे
नियति को शायद यही स्वीकार होगा, जो परिवार हंसी खुशी अपने पिता का 74 वां जन्मदिन मनाने के लिए भीमताल आए थे। उन्हें वापसी में उनकी लाश लेकर लौटना पड़ा। मौत से पूरा परिवार सदमे में है। हर कोई अस्पताल को कोस रहा था।

महिला अस्पताल में ओटी निर्माण की धीमी गति ने बढ़ाई परेशानी
अल्मोड़ा : जिला मुख्यालय के बीचों बीच स्थित महिला अस्पताल में आपरेशन थिएटर (ओटी) निर्माण की धीमी गति ने गर्भवतियों की परेशानी बढ़ा दी है। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से अस्पताल में सिजेरियन प्रसव ठप पड़े हैं। इससे गर्भवतियों को बेस अस्पताल रेफर किया जा रहा है। इससे खासकर दूर-दराज से पहुंचने वाली गर्भवतियों की परेशानी बढ़ गई है। महिला अस्पताल में इन दिनों जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है जबकि अप्रैल में ओटी का निर्माण कार्य शुरू किया गया।

निर्माण कार्य के चलते अस्पताल प्रशासन ने ओटी को बंद कर दिया है तब से अस्पताल में गर्भवतियों को आपरेशन से प्रसव काने की सुविधा मिलनी बंद हो गई। तब अस्पताल प्रशासन ने करीब तीन माह तक आपरेशन की सुविधा नहीं मिलने की बात की लेकिन इधर अब सात माह बीत जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है। इससे गर्भवतियों की परेशानी बढ़ते जा रही है। ओटी शुरू नहीं होने से गर्भवतियों को बेस अस्पताल की दौड़ लगाना मजबूरी बन गई है।

महीने में सिजेरियन से औसतन 40 से अधिक प्रसव जिला मुख्यालय स्थित महिला अस्पताल में नगर समेत दूरदराज से गर्भवतियां उपचार को पहुंचती है। जबकि महीने में यहां औसतन 40 सिजेरियन होते थे, लेकिन ओटी बंद होने से सिजेरियन प्रसव की सुविधा ठप है। हालांकि इमरजेंसी के समय जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं की गई हैं जिससे महिलाओं को कुछ हद तक राहत मिल रही है।

मैंने खुद एक सप्ताह पूर्व ओटी निर्माण के कार्यों का निरीक्षण किया। कार्यदायी संस्था को शीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा। डा. आरसी पंत, सीएमओ अल्मोड़ा।