Uttarakhand News 16 Dec 2024: नैनीताल जिलेभर के निकायों में सभासद और पार्षद के प्रस्तावित आरक्षण का इंतजार रविवार को समाप्त हो गया। डीएम ने सात निकायों के वार्डवार आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी। इससे लगभग साफ हो गया है कि नैनीताल जिले में 45 वार्डों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को कमतर आंका जाता था। राजनीति में महिलाओं के हाथ मजबूत करने के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है।

इसी क्रम में सात निकायों के 125 वार्डों में महिलाओं के लिए 45 सीटें आरक्षित की गई हैं। यानी जिले के सात निकायों में 45 महिलाएं घर का चूल्हा-चौका संभालने के साथ ही स्थानीय सरकार भी चलाएंगी। चुनाव जीतने के बाद महिला प्रतिनिधि स्थानीय प्राथमिकताओं को नए सिरे से तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। आरक्षण जारी होने के बाद महिला जनप्रतिनिधियों के नाम भी सोशल मीडिया पर सामने आने लगे हैं। खासकर ऐसे पुरुष जो लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन महिला सीट होने पर उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में आगे कर दिया है।

जानिए किस निकाय में कितनी महिलाओं की भागीदारी रहेगी

■ नगर निगम हल्द्वानी के 60 वाडों में 21 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।

■ नगर पालिका परिषद भवाली की सात सीटों में दो सामान्य महिला, एक अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हुई है।

■ नगर पालिका परिषद नैनीताल की 15 सीटों में दो सामान्य महिला, दो अनूसूचित और एक महिला पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई है।

■ नगर पालिका रामनगर की 20 सीटों में चार सामान्य महिला, एक अनुसूचित जाति, दो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई है।

■ नगर पालिका परिषद कालाढूंगी की सात सीटों में एक सामान्य, एक पिछड़ी जाति और एक अनूसचित जाति महिला के लिए आरक्षित है।

■ नगर पालिका परिषद भीमताल की नौ सीटों में दो सामान्य, एक अनूसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित की गई है।

■ नगर पंचायत लालकुंआ की सात सीटों लकुआ में एक सामान्य, एक अनूसूचित जाति और एक सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई है।

महिलाओं की प्रतिक्रिया

पुरुषों के साथ बराबरी के अधिकार का हक हर महिला को है। महिलाओं को स्थानीय सरकार में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा तो हमारी समस्याओं पर प्रमुखता से सुनवाई होगी।
सविता कांडपाल, आरटीओ रोड

राजनीति में महिलाओं को आरक्षण देने का फैसला पहले हो जाना चाहिए था। महिलाएं अपने वार्ड की मुखिया होंगी तो आधी आबादी को अपनी समस्याओं को हल कराने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
-हेमा मेलकानी

राजनीति के मैदान में अलग पहचान बनाकर महिलाएं विधानसभा और लोकसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का दमखम रखती हैं। निकाय की सरकार में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए।
-गीता कांडपाल, जज फार्म

6 आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं। नगर की सरकार चुनने में आधी आबादी की संख्या को देखते हुए केवल वार्डों में ही नहीं बल्कि चेयरमैन और मेयर के पदों पर भी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होनी चाहिए।
-सुनीता बिष्ट, नवाबी रोड