Uttarakhand News 28 Jan 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लिव इन को समान नागरिक संहिता के दायरे में लाना किसी की निजता में दखल देना नहीं, बल्कि युवाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसका उद्देश्य यह है कि दिल्ली की तरह कोई आफताब किसी श्रद्धा के साथ हैवानियत न कर सके।
सोमवार को समान नागरिक संहिता की नियमावली व पोर्टल लांचिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कई बार उनसे यह कहा गया कि सरकार लिव इन को समान नागरिक संहिता के दायरे में लाकर किसी के बेडरूम में झांकने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह ऐसा नहीं है। यह सभी युवाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। युवा आपस काफी अच्छा समय व्यतीत करते हैं। एक साथ रहने के दौरान कई बार उनके संबंध खराब हो जाते हैं। कई बार हत्याएं हुई हैं।
सीएम ने दिल्ली की घटना का किया जिक्र
दिल्ली की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में वर्ष 2022 में श्रद्धा वालकर व आफताब एक साथ रहते थे। वहां 300 लीटर के फ्रीज में श्रद्धा वालकर को काट कर डाल दिया गया था। श्रद्धा वालकर जैसी किसी भी बहन या बेटी के साथ कोई आफताब ऐसी हैवानियत न कर सके, इसलिए ये प्रविधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि लिव इन पंजीकरण की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता को देगा। लिव इन में कौन रह रहा है, यह सूचना गुप्त रखी जाएगी।
भावुक भी हुए मुख्यमंत्री धामी
समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री धामी कई बार भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि वह बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखंड वासियों के सामने समान नागरिक संहिता को पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर्ष के साथ ही गर्व की भी अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो पाई है।
पूर्व मुख्य सचिव ने साझा किए ड्राफ्ट बनाने के संस्मरण
समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली समिति के सदस्य और नियमावली बनाने वाली समिति के अध्यक्ष उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने संहिता के ड्राफ्ट से लेकर नियमावली बनाने की यात्रा को साझा किया।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को यह अधिकार है कि वे अपने कानून बना सकते हैं। समान नागरिक संहिता का उल्लेख संविधान में भी है। यहां मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का साहस दिखाया है। इस दौरान उन्होंने ड्राफ्ट व नियमावली बनाने में सहयोग करने वाले सभी अधिकारियों व कार्मिकों के योगदान की सराहना भी की।