Uttarakhand News 05 March 2025: प्रदेश के 27 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहतभरी खबर है। मार्च के बिजली बिल में ऊर्जा निगम की ओर से 137 करोड़ रुपये की छूट दी जा रही है। फ्यूल एंड पावर पर्चेज कास्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत उपभोक्ताओं को बिल में यह रियायत दी जा रही है। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 95 पैसे तक की राहत मिलेगी।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के टैरिफ विनियमों के अनुसार, यदि ऊर्जा निगम की मासिक विद्युत क्रय लागत अनुमोदित विद्युत क्रय लागत से अधिक होती है तो उसे उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में एफपीपीसीए मद में जोड़कर वसूला जाएगा। वहीं, यदि मासिक विद्युत क्रय लागत अनुमोदित विद्युत क्रय से कम होती है तो उसे उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में वापस किया जाता है।
बीते जनवरी की विद्युत क्रय में भारी बचत हुई
वर्ष 2024-25 के लिए अनुमोदित विद्युत क्रय लागत के सापेक्ष बीते जनवरी की विद्युत क्रय में भारी बचत हुई। इस क्रम में ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं को मार्च के विद्युत उपभोग पर जारी होने वाले बिलों में कुल 137 करोड़ (1.19 प्रति यूनिट औसत) छूट प्रदान करेगा। प्रबंध निदेशक ने बताया कि पूर्व में बीते जुलाई से दिसंबर तक के विद्युत उपभोग के सापेक्ष उपभोक्ताओं को कुल 427 करोड़ रुपये इसी मद में लौटाए जा चुके हैं।
ऐसे मिलेगा लाभ:
उपभोक्ता श्रेणी प्रति यूनिट छूट
घरेलू 35 पैसे से 95 पैसे
अघरेलू 137 पैसे
गवर्नमेंट पब्लिक 129 पैसे
यूटिलिटी निजी नलकूप 41 पैसे
कृषि 59 पैसे
एलटी इंडस्ट्री 127 पैसे
एचटी इंडस्ट्री 127 पैसे
मिक्स लोड 119 पैसे
रेलवे ट्रैक्शन 118 पैसे
ईवी चार्जिंग स्टेशन 114 पैसे
संपत्ति कर देगा ऊर्जा निगम तभी होगा बिजली बिल का भुगतान
देहरादून नगर निगम इन दिनों संपत्ति कर व सेवा कर की वसूली के लिए अभियान चला रहा है तो ऊर्जा निगम भी बिजली बिल के बकाये की वसूली को हाथ-पांव मार रहा है। नगर निगम पर स्ट्रीट लाइट समेत कार्यालय आदि में बिजली का करीब एक करोड़ रुपये से अधिक का बिल लंबित है। वहीं, ऊर्जा निगम पर संपत्ति कर का करीब दो करोड़ बकाया है। ऐसे में नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि ऊर्जा निगम संपत्ति कर का भुगतान करता है तो ठीक है, वरना नगर निगम भी बिजली का बिल जमा नहीं कराएगा।
सभी बकायेदारों से संपर्क साधकर भुगतान को कहा जा रहा
ऊर्जा निगम की ओर से बिजली बिल के छोटे-बड़े सभी बकायेदारों से संपर्क साधकर भुगतान को कहा जा रहा है। यहां तक कि छोटे बकायेदारों को भी कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है। सरकारी विभागों से भी पत्राचार कर बिजली का बिल जमा कराने के प्रयास हैं। इधर, नगर निगम भी संपत्ति कर के लिए सभी सरकारी, गैर सरकारी प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजकर भुगतान को कह रहा है। नगर निगम ने बड़े बकायेदारों को डिमांड नोटिस भेजा। इनमें ऊर्जा निगम का भी नाम शामिल है।
ऊर्जा निगम पर करीब एक करोड़ 96 लाख रुपये संपत्ति कर बकाया
ऊर्जा निगम पर करीब एक करोड़ 96 लाख रुपये संपत्ति कर बकाया है। वहीं, दून की स्ट्रीट लाइट आदि का बिजली का बिल भी निगम पर करीब एक करोड़ आठ लाख के आसपास है। महापौर सौरभ थपलियाल ने भी यह स्पष्ट किया है कि नगर निगम बिजली के बिल का भुगतान नहीं करेगा, यदि ऊर्जा निगम की ओर से संपत्ति कर न चुकाया गया। महापौर ने कहा कि नगर निगम हमेशा बिजली बिल का भुगतान करता है और निगम को अपना संपत्ति कर प्राप्त नहीं होता। हालांकि, इस मामले में ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने इस पर भुगतान करने के संकेत दिए हैं।