Uttarakhand News 16 June 2025: रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड के गौरीमाई खर्क में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर के लिए आर्यन कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक ने कंपनी के खिलाफ सोनप्रयाग पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया कि लापरवाही से यह हादसा हुआ है। हेलिकॉप्टर हादसे का कारण भले ही खराब मौसम बताया जा रहा हो, पर इसे हेली कंपनी द्वारा यूकाडा और डीजीसीए के नियमों की अनदेखी भी माना जा रहा है। इस संबंध में दी गई तहरीर में कहा गया कि सुबह 5.24 बजे आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 से 7 बजे वाला स्लॉट आवंटित हुआ था, पर कंपनी ने हेलिकॉप्टर को सुबह 5.11 बजे ही उड़ाना शुरू कर दिया था, केदारनाथ से वापसी में सुबह 5.24 बजे हादसा हो गया।

हादसे में सात लोगों की मौत का माना जिम्मेदार
तहरीर में कहा गया कि डीजीसीए और यूकाडा ने जारी एसओपी में फ्लाइंग स्लॉट के हिसाब से उड़ान करने को कहा था। इस बारे में आर्यन एविएशन के बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने अनदेखी की, जो दायित्यों के प्रति घोर लापरवाही है। फाटा राजस्व उप निरीक्षक ने हादसे में सात लोगों की मौत के लिए कंपनी के दोनों मैनेजरों को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना है। उनके खिलाफ कोतवाली सोनप्रयाग में भारतीय दंड संहिता की 28/2025 धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023 और धारा 10 वायुयान अधिनियम 1934 बनाम विकास तोमर और कौशिक पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि मुकदमा दर्ज होते ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

उधर, हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देखने वाली नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू भी सामने आई हैं। उन्होंने पूरी कहानी बताई है। दोनों बहनों ने बताया कि कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा।

गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गई थी। वह यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं। शर्मिला ने बताया कि वह 5 बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गईं थीं, तब आसमान में बादल छाए हुए थे, पर कोहरा नहीं था।

कुछ ही देर में एक हेलिकॉप्टर जैसे ही उस क्षेत्र में उड़ान भरता हुआ पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा और पीछे की तरफ गया और फिर थोड़ा नीचे आकर आगे बढ़ने लगा, जिससे वह एक ऊंचे पेड़ पर टकराकर सीधे जमीन पर गिर गया।

आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा
शर्मिला ने बताया कि जब हम घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां एक बच्ची गिरी हुई थी, जो जिंदा नहीं थी। संभवतः बच्ची हेलिकॉप्टर से गिरकर जमीन में बड़े पत्थर से टकरा गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।

केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा हेलिकॉप्टर क्रैश, 7 लोगों की मौत
केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा आर्यन हेली एविएशन कंपनी का हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने से गौरी माई खर्क में पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में महाराष्ट्र निवासी 23 माह की मासूम भी है। उसके माता-पिता की भी हादसे में मौत हो गई है।

हादसे के बाद डीजीसीए ने चारधाम यात्रा के लिए आर्यन एविएशन का संचालन तत्काल निलंबित कर दिया है। कंपनी के दो मैनेजरों पर केस दर्ज किया गया है। उधर, मैसर्स ट्रांस भारत एविएशन के दो हेलिकॉप्टर समान रूप से खराब मौसम की स्थिति में उड़ान भरते पाए गए। इन हेलिकाप्टरों को उड़ा रहे दोनों पायलटों का लाइसेंस भी छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया है।

रविवार सुबह 5.21 बजे केदारनाथ हेलिपैड से आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए उड़ा। लगभग 5.25 मिनट पर यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से पांच किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में पहुंचा पर यहां गौरी माई खर्क में कोहरा होने से दृश्यता कम होने के कारण पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इस हादसे में पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (सेनि.) सहित सभी यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान मौके पर पहुंचे और सभी शव बरामद कर लिए। शवों को गौरीकुंड पहुंचाया गया और वहां से जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेज दिए गए।

हादसे के बाद हेलिकॉप्टर का मलबा भी जल गया। वहीं, केदारनाथ यात्रा हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि विजिबिलिटी शून्य होने के कारण हेलिकॉप्टर अचानक पेड़ से टकरा गया जिससे यह हादसा हुआ। डीजीसीए ने दो दिनों के लिए केदारनाथ हेलिकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी है।

धुआं उठता देखा तो लोगों ने दी सूचना
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि 5 बजकर 24 मिनट पर हेलिकॉप्टर वैली प्वाइंट पर दिखाई दिया। अधिक कोहरा होने के कारण विजिबिलिटी शून्य थी। सुबह 6.13 बजे अन्य हेली कंपनियों ने सूचना दी कि आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी नहीं पहुंचा है। इस दौरान संपर्क करने पर एक नेपाली मूल के व्यक्ति और साथ गई अन्य महिलाओं ने जानकारी दी कि ऊपरी क्षेत्र में धुआं उड़ रहा है। सूचना पर तत्काल रेस्क्यू दल को भेजा गया। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से पांच किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में गौरी माई खर्क में हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। यह पूरा क्षेत्र काफी दुर्गम है। रेस्क्यू दल को यहां पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।

हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए यात्री, पायलट
लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान, निवासी शास्त्री नगर, जयपुर।
राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), निवासी नंदीपेरा रोड, महाराष्ट्र।
श्रद्धा सुरेश जायसवाल (35) पत्नी राजकुमार सुरेश जायसवाल।
काशी (23 महीने) पुत्री राजकुमार सुरेश जायसवाल, महाराष्ट्र।
विक्रम सिंह रावत (46), निवासी रांसी गांव, पो. ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।
विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19), निवासी बिजनौर, यूपी।

05-05 लाख रुपये मुआवजा देगी कंपनी
हादसे में में मारे गए लोगों के परिजनों को कंपनी हादसे के कारणों की जांच में एएआईबी को पूरा सहयोग करेगी और सभी प्रभावित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी।

घटना के लिए जो भी दोधी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी : धामी
यह बहुत दुखद घटना है। प्रातःकाल खराब मौसम के कारण यह घटना घटी। भगवान दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। तत्काल एक आपातकालीन बैठक बुलाकर निर्देश दिए गए हैं कि एक सख्त एसओपी बनाई जाए। किसी भी कीमत पर डीजीसीए के मानकों में ढिलाई न बरती जाए। एविएशन कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान का अनुभव रखने वाले पायलटों की ही सेवाएं लें। जो इस घटना में दोषी हैं, उन पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। समीक्षा के बाद ही हेली सेवाएं संचालित होंगी। हमारे लिए हर व्यक्ति का जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता है।

घटना बेहद चिंताजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। प्रथमदृष्ट्या दुर्घटना का कारण मौसम की खराबी रहा है, लेकिन सरकार इसकी जांच करवाएगी और हादसे के कारणों का पता लगाएगी।