Uttarakhand News 2 July 2025: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सैय्यद गुफरान की अदालत ने जमीन फर्जीवाड़े के आरोपित को दोषी पाते हुए उसे तीन साल कारावास और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर दोषी को एक महीना अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। दोषी ने आठ महीने के अंदर एक ही जमीन को फर्जीवाड़े से दोबारा बेच दिया था।
शिकायतकर्ता रितेश खत्री की तहरीर पर नौ दिसंबर 2017 को प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि धौलास में स्थानीय निवासी घनश्याम से उन्होंने 17 अप्रैल 2014 को 1115 वर्गमीटर जमीन खरीदी। जमीन की बिक्री में पूनम और गौरव भी शामिल थे।
आठ महीने के अंदर एक ही जमीन को फर्जीवाड़े से दोबारा बेच दिया
जमीन की रजिस्ट्री तहसील विकासनगर में कराई गई। रजिस्ट्री कराने के बाद पीड़ित के नाम जमीन का दाखिल खारिज भी हो गया। बाद में पीड़ित को पता लगा कि आरोपित घनश्याम इस जमीन को इससे पहले दो सितंबर 2013 को युसूफ नाम के व्यक्ति को बेच चुका था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो रितेश का पूनम व गौरव से समझौता हो गया। मामले में घनश्याम के खिलाफ फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी से जमीन की रजिस्ट्री करने की धाराओं में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।
सुनवाई के दौरान सहायक अभियोजन अधिकारी सोमिका अधिकारी ने अभियोजन की ओर से तर्क रखे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सैय्यद गुफरान ने घनश्याम को दोषी करार देते हुए सोमवार को सजा पर फैसला दिया। जिसमें फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाने की धाराओं में दोषमुक्त करते हुए धोखाधड़ी से जमीन बेचने पर सजा सुनाई गई।