Uttarakhand News, 7 दिसंबर 2022: नागरिक उड्डयन विकास परिषद (यूकाडा) के निदेशक मंडल की बैठक में केदारनाथ में मौसम केंद्र की स्थापना और सीसी कैमरे लगाने को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर हवाई सुविधाओं के आधार पर पर्यटकों को उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने यूकाडा को आय के संसाधनों में वृद्धि के प्रयासों पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंतनगर में नाइट लैंडिंग की व्यवस्था बनाने के साथ ही यहां नियमित रूप से हवाई सेवा संचालित किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने पिथौरागढ़ की नैनी सैनी, उत्तरकाशी की चिन्यालीसौड़ एवं चमोली की गौचर हवाई पट्टियों को सुविधायुक्त बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे यहां भी छोटे वायुयान की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने चारधाम यात्रा के दौरान हेली टिकटों की बुकिंग तथा टिकटों की काला बाजारी पर प्रभावी नियंत्रण की व्यवस्था बनाने को कहा। बैठक में देहरादून से केदारनाथ और गुप्तकाशी से बदरीनाथ शटल सेवा और उड़ान योजना के अंतर्गत नए हैलीपैड बनाने को मंजूरी दी गई।
बलियानाला में भूस्खलन के उपचार के लिए 208 करोड़ की योजना स्वीकृत:
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब वज्रपात की चेतावनी भी जारी की जा सकेगी। इसके लिए 1.75 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून व श्रीनगर में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मीट्रियोलाजी (आइआइएम) पुणे के माध्यम से सेंसर लगाए जाएंगे।
मुख्य सचिव डा एसएस संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई। इसके अलावा नैनीताल के बलियानाला में भूस्खलन के उपचार के लिए 208.12 करोड़ की लागत की योजना पर सहमति प्रदान की गई।
मुख्य सचिव डा संधु ने बलियानाला उपचार से संबंधित योजना के पूर्ण होने की प्रस्तावित समयावधि चार से घटा कर दो साल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य युद्ध स्तर पर दो या तीन शिफ्टों में किया जाए। जो कार्य समानांतर शुरू किए जा सकते हैं, वे किए जाएं और टेंडर भी तत्काल जारी किए जाएं।
उन्होंने इस कार्य में पर्यटन विभाग को जोडऩे पर भी बल दिया। इस अवसर पर 10.20 करोड़ की लागत से नैनीताल में डीएसबी कालेज बालिका छात्रावास और ठंडी सड़क के भूस्खलन की रोकथाम से संबंधित प्रस्ताव पर भी सहमति दी गई।
वर्षाकाल के दौरान विभिन्न जिलों और रेखीय विभागों को दी जाने वाली राशि की उपलब्धता में उदारवादी होने पर भी मुख्य सचिव ने जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागों को लक्ष्य देकर कार्य तेजी से कराए जाएं, ताकि आमजन की समस्याओं का तेजी से निस्तारण हो सके।
उन्होंने प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मरम्मत और पुननिर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना पर सहमति दी। साथ ही जल संस्थान को निर्देशित किया कि इसमें अधिक से अधिक कार्यों को शामिल किया जाए और पाइपलाइन टूटने की समस्या को न्यून करने के लिए योजना तैयार की जाए।
बैठक में 15 करोड़ की लागत से आपदा के त्वरित प्रतिवादन के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आइआरएस सिस्टम और साफ्टवेयर विकसित करने संबंधी प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। इसमें आइटीडीए को शामिल करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा, आर राजेश कुमार, हरि चंद्र सेमवाल उपस्थित थे, जबकि मंडलायुक्त कुमाऊं दीपक रावत व अपर सचिव आपदा प्रबंधन सबिन बंसल वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक से जुड़े।