Uttarakhand News 15 september 2025: लाडली/नन्ही परी को न्याय दिलाने के लिए 14 साल बाद रविवार को एक बार फिर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। जबर्दस्त आक्रोश के बीच नगर निगम स्थित रामलीला मैदान से कलक्ट्रेट तक विशाल जुलूस निकाला गया। इसके बाद टकाना में धरना-प्रदर्शन और जनसभा की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि पुनर्विचार याचिका दायर कर बिटिया को न्याय नहीं दिलाया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रविवार को सुबह 10 बजे से ही लोग रामलीला मैदान में एकत्र होने शुरू हो गए थे। जब हजारों लोग जुटे तो करीब 11 बजे विशाल जुलूस की शक्ल में लोग सिमलगैर बाजार, गांधी चौक, सिल्थाम, रोडवेज बस स्टेशन, केमू स्टेशन, गुप्ता तिराहा, टकाना होते हुए कलक्ट्रेट स्थित अधिसूचित धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए लाडली को न्याय दिलाने की मांग की गई।
इसके बाद आयोजित जनसभा को सामाजिक कार्यकर्ता रेनू पांडे, चंचल बोरा, चंद्री चंद, दीपक जोशी और शमशेर महर ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से लाडली के साथ दरिंदगी करने वाला हत्यारा सुप्रीम कोर्ट से बरी हुआ है, उससे पूरे उत्तराखंड का जनमानस हताश और निराश है। यदि इसी तरह से पैरवी होती रही तो पीड़ितों को कैसे न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे जिले की जनता सड़कों पर उतरेगी।
जनसभा के बाद लाडली के माता-पिता सहित अन्य परिवारजनों ने मौके पर मौजूद एसडीएम मनजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन करने वालों में युवा, महिलाएं, व्यापारी वर्ग, छात्र, पूर्व सैनिक सहित सभी राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता शामिल रहे। शांति व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। तहसीलदार विजय गोस्वामी भी मौके पर मौजूद रहे।
लाडली के स्वजन बोले- न्याय नहीं मिला तो करेंगे आत्मदाह
हजारों की जनसभा को संबोधित करते समय लाडली के ताऊ की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने जो दर्द महसूस किया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जो उनके ऊपर बीती थी, उसे उनका परिवार आजीवन नहीं भूल सकता है। दोषियों को सजा मिली थी तो कुछ राहत मिली थी लेकिन सरकार की कमजोर पैरवी के कारण मुख्य आरोपी जिस तरह से बरी हुआ है, उससे पूरा परिवार आहत है। यदि शीघ्र इस मामले में सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम नहीं उठाती है तो वह आत्मदाह कर लेंगे।
जब से हत्यारे के बरी होने की खबर पढ़ी सो नहीं पाया हूं
लाडली के चचेरे भाई का कहना था कि आज से 11 साल पहले हुई उस घटना को वह आज भी नहीं भूल पाते हैं। जब से हत्यारे के बरी होने की खबर पढ़ी, तब से रात को सो नहीं पा रहा हूं। उनके जेहन में झाड़ियों में मिली मासूम बहन की वह तस्वीर बार-बार नजर आती है, जैसे किसी खिलौने को तोड़ मरोड़कर फेंक दिया गया हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज हजारों लोगों का फिर से साथ मिल रहा है, इससे अभी भी उन्हें न्याय की उम्मीद है।
बोलीं महिलाएं
पिथौरागढ़ की मासूम बेटी को 11 वर्षों से न्याय नहीं मिल पाया है। इस मामले में जिस स्तर पर भी चूक हुई है, उसका पता कर लाडली को न्याय दिलाया जाना चाहिए। जिस तरह से लाडली के साथ दरिंदगी की गई थी, उसके हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। हत्यारों के लिए फांसी की सजा भी कम होगी। -लक्ष्मी भट्ट, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, पिथौरागढ़
लाडली को न्याय मिलना चाहिए। उसे न्याय दिलाने के लिए आज बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जानकारी तक पीड़ित परिवार को नहीं दी गई। यह सरकार की कमजोरी है। यदि बेटी को न्याय नहीं मिला तो आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं बढ़ेंगी। दुष्कर्मी और हत्यारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। – अंजू लुंठी, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी पिथौरागढ़
लाडली के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट से आरोपी बरी हो गया। यह ऐसा मामला है जिसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर में शामिल किया जाना चाहिए। जब तक लाडली को न्याय नहीं मिल जाता है, कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ेंगे। – तपन रावत, अध्यक्ष व्यापार संघ, पिथौरागढ़
लाडली के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जब तक मासूम बेटी और उसके परिजनों को न्याय नहीं मिल जाता है, आंदोलन जारी रखा जाएगा। दरिंदगी का शिकार हुई मासूम को न्याय दिलाने के लिए जिस तरह से लोग सड़कों पर उतरे हैं, उम्मीद है लाडली के कातिल को कड़ी सजा मिलेगी। – दीपक जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता, पिथौरागढ़
यह था मामला
नवंबर 2014 में अपने परिजनों के साथ विवाह समारोह में शामिल होने शीशमहल हल्द्वानी गई पिथौरागढ़ की छह साल की मासूम लाडली की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। तब पूरे कुमाऊं में जबरदस्त आक्रोश भड़क गया था। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। 25 नवंबर को मासूम का शव गौलापार में झाड़ियों में पड़ा मिला था। इस मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी बेतिया बिहार के रहने वाले डंपर चालक अख्तर अली को पंजाब से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों जहानाबाद पीलीभीत निवासी प्रेमपाल वर्मा और रुद्रपुर निवासी जूनियर मसीह को गिरफ्तार किया गया था। पॉक्सो कोर्ट ने मुख्य आरोपी अख्तर अली को फांसी की सजा, प्रेमपाल को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी। जूनियर मसीह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने भी आरोपी की सजा बरकरार रखी थी। अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां से मुख्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। इससे लाडली के परिजन आहत हैं। परिजनों का कहना है कि सरकार की कमजोर पैरवी के कारण लाडली का हत्यारा बरी हो गया है।