Uttarakhand News 21 Nov 2025: देहरादून। प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए हर थाने में साइबर फारेंसिक कमांडो तैनात किए जाएंगे। इनका कार्य थाना क्षेत्र में होने वाले अपराधों की आधुनिक तकनीकों के जरिये जांच करना रहेगा। योजना के पहले चरण में हर थाने में दो-दो साइबर फारेंसिक कमांडो तैनात होंगे। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी की पृष्ठभूमि वाले पुलिस कर्मियों में से ही 350 कार्मिकों का चयन किया जाएगा।

प्रदेश में साइबर अपराध की घटना लगातार बढ़ रही है। प्रतिदिन ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से आमजन की जिंदगीभर की कमाई एक झटके में साफ कर दे रहे हैं। इन प्रकरणों को देखते हुए प्रदेश में इसके लिए साइबर क्राइम यूनिट बनाई गई है। यह पूरे प्रदेश में साइबर अपराधों की जांच कर रही है। अब प्रदेश में भारत न्याय संहिता लागू हो गई है तो हर अपराध की जांच थाना स्तर से करना भी जरूरी है।

इसके लिए अब साइबर फारेंसिक कमांडो की तैनाती की जा रही है। प्रदेश में इस समय 166 थाने हैं। इन साइबर कमांडो का मुख्य कार्य साइबर अपराधों में इस्तेमाल किए गए उपकरणों, जैसे मोबाइल फोन, लैपटाप, हार्ड डिस्क, सीसी टीवी सिस्टम या अन्य डिजिटल उपकरणों की वैज्ञानिक एवं फारेंसिक पद्धति से जांच करना होगा।

ये विशेषज्ञ मौके पर पहुंचकर डिजिटल साक्ष्यों को संरक्षित करेंगे, डाटा रिकवरी करेंगे और अपराध की तकनीकी जांच के लिए सभी साक्ष्य केंद्रीय टीम को भेजेंगे। इसका विश्लेषण केंद्रीय टीम ही करेगी।

पुलिस विभाग इन साइबर फारेंसिक कमांडो को उन्नत साइबर तकनीकों, डिजिटल साक्ष्य संरक्षण, नेटवर्क ट्रैकिंग, हैकिंग पैटर्न, और आनलाइन धोखाधड़ी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देगा। साथ ही इन्हें डिजिटल फोरेंसिक, नेटवर्किंग, थ्रेट इंटेलिजेंस और क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे साइबर अपराधों पर प्रभावी तरीके से साक्ष्य एकत्रित कर सकें।

साइबर फारेंसिक कमांडो की तैनाती से साइबर अपराध संबंधी मामलों के निस्तारण में तेजी आने की उम्मीद है।

सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि इस चरण में पुलिस मुख्यालय के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।