Uttarakhand News 24 Nov 2025: मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमान के क्रम में इस बार नवंबर के पहले पखवाड़े के बाद ठंड ने दस्तक दे दी है। शहर में रविवार सुबह से धूप खिली हुई थी लेकिन शाम को फिर से ठंड बढ़ गई। रात में पाला गिरने से लोगों को वाहन चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी नवीन धूसिया के मुताबिक अधिकतम तापमान 18 आठ न्यूनतम पारा आठ डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान में शनिवार के मुकाबले एक डिग्री की कमी आई है।
नैनीताल में ऊनी कपड़ों की खूब खरीदारी
नैनीताल में ठंड बढ़ने के साथ ही कपड़ों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही। पर्यटकों ने ऊनी कपड़ों की जमकर खरीदारी की। बर्फबारी के आसार को देखते हुए पर्यटन कारोबारी भी आने वाले वीकेंड पर अच्छे कारोबार की उम्मीद लगा रहे हैं। वहीं पर्यटकों के बढ़ने से पुलिस भी यातायात व्यवस्थाओं के लिए चौकन्नी है। एसपी अपराध डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि यातायात को देखते हुए व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
दिन में चलने लगी ठंडी हवा
हल्द्वानी के मौसम में ठंडक लगातार बन रही है। सुबह और शाम के बाद अब दिन के समय भी ठंडी हवा बहने लगी है। रविवार को भी दोपहर बाद एकाएक हवा चली और ठंडक महसूस हुई। तापमान में भी लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। रात का तापमान इस समय 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। अधिकतम तापमान एक डिग्री लुढ़ककर 24.7 और न्यूनतम 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर का भी दिन का तापमान दो डिग्री नीचे 14.9 और न्यूनतम दो डिग्री लुढ़ककर 3.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार आसमान साफ रहेगा और सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है।
खूब हुई ऊनी कपड़ों की खरीदारी
नैनीताल में ठंड बढ़ने के साथ ही कपड़ों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही। पर्यटकों ने ऊनी कपड़ों की जमकर खरीदारी की। बर्फबारी के आसार को देखते हुए पर्यटन कारोबारी भी आने वाले वीकेंड पर अच्छे कारोबार की उम्मीद लगा रहे हैं। वहीं पर्यटकों के बढ़ने से पुलिस भी यातायात व्यवस्थाओं के लिए चौकन्नी है। एसपी अपराध डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि यातायात को देखते हुए व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
झील किनारे किए सांस्कृतिक कार्यक्रम… इधर ठंड के बावजूद मल्लीताल पंत पार्क में खब पर्यटक दिखे। रविवार शाम झील किनारे पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कुमाऊं सांस्कृतिक दल की ओर से कार्यक्रम किए गए। सांस्कृतिक दल की मीरा आर्या ने बताया कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण और सैलानियों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं।







