Uttarakhand News 04 June 2025: देहरादून। प्रदेश की राजधानी दून में बीते कुछ दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश और मौसम में आई ठंडक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि नमी और गिरते तापमान ने वायरस जनित बीमारियों के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है। जिससे कोरोना वायरस के फैलाव की भी आशंका प्रबल हो गई है।
मंगलवार को भी दून के मांडुवाला निवासी 39 वर्षीय सीआइएसएफ कर्मी की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिवआई है। संक्रमित व्यक्ति की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। तबीयत खराब होने पर उसने ग्राफिक एरा अस्पताल में जांच कराई थी। बता दें कि दून में अब तक कोरोना के 17 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इनमें से 9 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 6 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। वर्तमान में 2 मरीज उपचाराधीन हैं।
मौसम संक्रमण के लिए बना सहायक
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय का मौसम, जिसमें एक ओर हल्की ठंडक है और दूसरी ओर हवा में नमी है, वायरस का फैलाव तेज हो सकता है। मौसमी फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण के बढ़ते मामले बताते हैं कि मौजूदा मौसम कोविड-19 के प्रसार के लिए अनुकूल है। तापमान में उतार-चढ़ाव इसलिए भी कोरोना संक्रमण के लिए अनुकूल है क्योंकि इससे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और ऐसे में वे अपेक्षाकृत आसानी से बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग कोरोना को लेकर आवश्यक सावधानी बरतें।
घबराएं नहीं, सावधानी बरतें, सतर्क रहें
स्टेट सर्विलांस अधिकारी डा. पंकज के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति सामान्य है। वर्तमान में कोरोना को कोई नया वेरिएंट प्रसारित नहीं हो रहा है। डा. पंकज का कहना है कि कोविड-19 अब एक एंडेमिक बीमारी के रूप में देखा जा रहा है, यानी यह कोई नया या अचानक फैलने वाला रोग नहीं रहा। यह अब अन्य सामान्य वायरल संक्रमणों की तरह ही व्यवहार कर रहा है।
कोरोना प्रभावित मरीजों में केवल सामान्य लक्षण जैसे बुखार, खांसी या थकान देखी जा रही है। अधिकतर मरीजों को किसी विशेष चिकित्सकीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ रही है। वे घर पर ही आइसोलेट होकर मामूली दवाओं और आराम से स्वस्थ हो रहे हैं। दैनिक पाजिटिविटी दर भी बेहद कम है, जो कि शून्य के आसपास बनी हुई है। इससे साफ है कि संक्रमण का फैलाव बेहद सीमित है।
इन बातों का रखें ध्यान
मास्क पहनें: सार्वजनिक स्थलों, अस्पतालों, बाजारों और बंद स्थानों में मास्क ज़रूर पहनें।
खांसते/छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें: छींकते व खांसते समय मुंह व नाक रुमाल या टिशु से ढककर रखें।
भीड़भाड़ से बचें: अत्याधिक भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें और सामाजिक दूरी का पालन करें।
स्वच्छता पर जोर: नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें।
लक्षणों को न करें नजरअंदाज
यदि बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, या थकान जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।
बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को संक्रमण का खतरा अधिक है, उन्हें अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।