Uttarakhand News, 20 February 2023: उत्तरकाशी के दो साल पूर्व एक सेवानिवृत्त शिक्षक को उत्तराखंड शिक्षा विभाग पेंशन एवं अन्य देयकों का लाभ यह कहते हुए नहीं दे रहा कि वर्ष 2006 से उनका गलत वेतन निर्धारण हुआ है, जबकि इस बीच न सिर्फ शिक्षक को विभाग ने पदोन्नति दी, बल्कि उन्हें चयन वेतनमान का भी लाभ दिया। वहीं, अब विभाग ने शिक्षक को नौ लाख रुपये से अधिक की वसूली का नोटिस दिया है।

रिटायर शिक्षक रामकृष्ण बिजल्वाण के मुताबिक, दो साल पहले सेवानिवृत्ति होने के बाद उन्हें यह कहकर पेंशन नहीं दी जा रही कि वर्ष 2006 से उनका गलत वेतन निर्धारण हुआ है, पर सेवा में रहते हुए विभाग की ओर से जानकारी नहीं दी गई। विभाग में प्राथमिक सहायक से जूनियर सहायक के पद पर उनकी पदोन्नति हुई। उन्हें इस पद पर रहते हुए जून 2020 में चयन वेतनमान एवं भत्ते दिए गए। यदि गलत वेतन निर्धारण से वसूली बनती थी तो विभाग को पदोन्नति और चयन वेतनमान पर आपत्ति करनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं किया। अब उप शिक्षा अधिकारी नौगांव की ओर से नौ लाख रुपये से अधिक की वसूली का नोटिस भेजा गया है।

गुलफाम अहमद, वित्त नियंत्रक शिक्षा विभाग के अनुसार वेतन निर्धारण के दौरान शिक्षकों से लिखवाया जाता है कि यदि गलत निर्धारण हुआ है तो रिकवरी होगी। वर्तमान दौर में सबको मालूम होता है कि उन्हें जो वेतन मिल रहा है वे सही है या गलत। विभाग में कई शिक्षकों के साथ ऐसा हुआ है, कुछ शिक्षक इसके खिलाफ कोर्ट गए हैं।