Uttarakhand News 2 August 2025: पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्रा टेक के मालिक दीपक मित्तल के खिलाफ अब उसके साथी राजपाल वालिया के बेटे आर्यन वालिया ने बृहस्पतिवार को मुकदमा दर्ज कराया है।

आरोप है कि मित्तल ने वालिया को अपने जाल में फंसाकर उनकी जमीन का इस्तेमाल फ्लैट बनाने में किया। उनके 3.32 करोड़ रुपये भी हड़प लिए। इन्हें गलत तरीके से दूसरे साथियों के खातों में घुमाया। राजपुर थाने में दर्ज इस मुकदमे के साथ अब मित्तल के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। मित्तल फिलहाल पत्नी के साथ भारत से बाहर रह रहा है जिसकी तलाश में उत्तराखंड पुलिस व ईडी लगे हुए हैं। रेसकोर्स निवासी आर्यन वालिया का कहना है कि उनके पिता राजपाल वालिया की मुलाकात जमीन के सिलसिले में दीपक मित्तल से हुई थी। मित्तल ने अपनी कंपनी पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्रा टेक के बारे में बताया। उसने उस वक्त राजपाल वालिया को उनकी भूमि पर हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर अच्छा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। इस पर राजपाल वालिया तैयार हो गए और अपनी करोड़ों रुपये की जमीन पुष्पांजलि को दे दी।

इसके एवज में राजपाल वालिया को पुष्पांजलि रियलम्स में निदेशक व पार्टनर बना दिया गया। मित्तल खुद भी इस कंपनी का डायरेक्टर बना रहा। वर्ष 2019 में अलग-अलग तिथियों में दीपक मित्तल ने अमव डवलेपर्स के निदेशक मनीष गुप्ता के साथ मिलकर कंपनी से कुल 3.32 करोड़ रुपये का गबन किया। इस रकम में से अपने साथी मनीष गुप्ता के साथ मिलकर 2.47 करोड़ रुपये कंपनी से निकाले। इसके अलावा 1.72 करोड़ रुपये मनीष की पत्नी विनीता के साथ मिलकर कंपनी के खाते से निकालकर अपने निजी खातों में जमा करा लिए।

इसके बाद अपने खातों से यह धनराशि फिर से मनीष और विनीता के खातों में ट्रांसफर की गई। अब गर्ग दंपती के खातों से यह राशि कंपनी के खातों में जमा कर फ्लैट खरीदना दर्शाया। इसके अलावा कई और लोगों से धन लेकर फ्लैट खरीदना दर्शाया लेकिन किसी को फ्लैट दिए ही नहीं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में दीपक मित्तल, मनीष गुप्ता और विनीता के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दीपक मित्तल के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट समेत कुल 10 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है जांच
पुष्पांजलि प्रकरण में पुलिस के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि दीपक मित्तल इस वक्त पत्नी राखी मित्तल के साथ भारत से बाहर रह रहा है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कराया जा चुका है। इस मामले में आर्किड पार्क परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले करीब 90 बायर्स ने रेरा से न्याय न मिलने पर एनसीएलटी में वाद दायर किया था। एनसीएलटी ने सुनवाई के दौरान परियोजना संचालन कर रहे बोर्ड को भंग करते हुए सभी अधिकारों को अपने हाथ में ले लिया है। साथ ही बाहरी प्रमोटर्स को परियोजना पूरी करने के लिए आमंत्रित किया है। चयनित सात प्रमोटर्स में से बायर्स की शर्तों पर खरे उतरने वाले एक प्रमोटर का चयन कर लिया गया है जो कि प्रोजेक्ट को पूरा कर अधूरे पड़े फ्लैटों का निर्माण करने के बाद बायर्स को सौंपेगा। इस परियोजना में करीब 300 से अधिक फ्लैट का निर्माण किया जाना है।