Uttarakhand News, 28 दिसंबर 2022: नेपाल में आज (बुधवार) अलग-अलग रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल अर्थक्वि मॉनिटरिंग एंड रिसर्च सेंटर (एनईएमआरसी) नेपाल के अनुसार, बुधवार तड़के नेपाल के बागलुंग जिले में 4.7 और 5.3 तीव्रता के दो भूकंप आए. केंद्र से मिली रीडिंग के अनुसार, बागलुंग जिले के अधिकारी चौर के आसपास एक बजकर 23 मिनट पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया. वहीं एनईएमआरसी के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर 5.3 तीव्रता का दूसरा भूकंप बगलुंग जिले के खुंगा के आसपास दो बजकर सात मिनट पर आया. फिलहाल जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है|

वहीं पिछले महीने 15 नवंबर को नेपाल में भूकंप झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई थी. इससे पहले भी नेपाल में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप नेपाल में अचम जिले के बाबाला के आसपास महसूस किए गए था. वहीं आज एक बार फिर थोड़ी ही देर के अंतर में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. ऐसे में बार-बार आ रहे भूकंप के चलते लोगों में डर का माहौल है.

भूकंप ने ली लोगों की जान:
वहीं 9 नवंबर को नेपाल के दोती जिले में तेज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसने कई घरों को मलबे में बदल दिया. इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक 6.3 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र नेपाल में ही था. भूकंप 9 नवंबर देर रात करीब 1.57 बजे आया था. इसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. एपिसेंटर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण-पूर्व नेपाल के मणिपुर में रहा.

उत्तरकाशी में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके:
बता दें कि भारत के उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तड़के 2:19 बजे 3.1 तीव्रता का भूकंप आया है। हालांकि, अभी तक जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आया भूकंप:
बता दें कि 27 दिसंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar islands) में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 4.0 तीव्रता के भूकंप आया था।

कैसे आता है भूकंप?
सामान्यत: समझें कि ऊपर से शांत दिखने वाली धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं जिसके चलते हर साल भूकंप आते हैं. भूकंप का साइंस समझने से पहले हमें धरती के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना को समझना होगा. दरअसल हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.