Uttarakhand News, 05 August 2023: इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है. सजा सुनाए जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है. इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा. अतिरिक्त जज दिलावर ने अपने फैसले में कहा, “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप साबित हुए हैं.” अदालत के फैसले के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से 70 वर्षीय खान को लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया. खान के परिवार ने यह जानकारी दी. ट्विटर पर एक संक्षिप्त पोस्ट में खान की पार्टी ने कहा, “इमरान खान को कोट लखपत जेल ले जाया जा रहा है.” प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्लाह तरार ने खान की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यह बाद में तय किया जाएगा कि उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा जाएगा या कहीं और.”

तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था. ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया. ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘झूठे बयान और गलत जानकारी’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.

क्या है तोशखाना मामला: पाकिस्तान में तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है. बड़े नेताओं, हस्तियों, नौकरशाहों, अधिकारियों और अन्य देशों के द्वारा दिए गए उपहारों को यहां रखा जाता है. यहां कई बेशकीमती सामान भी होते हैं. इसपर सरकार का नियंत्रण होता है. इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने अपने शासन काल में तोशखाने में रखे कीमती सामानों को बेच दिया. इससे उन्हें 14 करोड़ रुपये मिले. इस तरह उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग किया. यह घटना 2018 से 2022 के दौरान हुई.

तोशखाना मामले में वह सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटना चुके हैं. अपने खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने इस मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने की अपील की थी. इस मामले में उन्होंने दो बार इस्लामाबाद हाईकोर्ट में भी अपील की थी लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें राहत नहीं मिली थी.