Uttarakhand News 15 July 2025: हेमकुंड साहिब के बेस कैंप घांघरिया से लापता मनोज बिष्ट का शव पेड़ से लटका मिलने के बाद नंदानगर क्षेत्र के लोगों का आक्रोश भड़क उठा। स्थानीय निवासियों ने इसे हत्या बताते हुए विरोध में नंदानगर बाजार दिनभर बंद रखा।

इस दौरान यहां कोई भी वाहन नहीं चला। आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय पर पोस्टमार्टम हाल, जिलाधिकारी कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। हालांकि पुलिस ने मामले में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को हिरासत में लिया है।

रविवार को जैसे ही लापता मनोज का शव घांघरिया में पेड़ पर लटके होने की सूचना मिली तो पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। नंदानगर बांजबगड़ निवासी 21 वर्षीय मनोज बिष्ट की मौत को लेकर विकासखंड नंदानगर सहित जनपद चमोली के निवासी आक्रोशित हैं।

सुबह से ही नंदानगर में बाजार बंद रहा। लोगों ने विकासखंड व तहसील मुख्यालय नंदानगर में घटना के विरोध में दिनभर बाजार बंद रखा। टैक्सी वाहन भी नहीं चले।

ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की। आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया। इस दौरान हास्पिटल, पेट्रोप पंप व कलेक्ट्रेट में सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही।

व्यापारियों व स्थानीय लोगों ने घटना के विरोध में जिला मुख्यालय पहुंचकर पोस्टमार्टम हाल के समक्ष चार घंटे तक धरना देते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। आक्रोशित लोगों का आरोप था कि मनोज की हत्या की गई, लेकिन पुलिस इसे शुरू से ही गंभीरता से नहीं ले रही थी।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आरोपितों से मिलीभगत का भी आरोप लगाया। जनाक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स जिला मुख्यालय में तैनात कर दी गई थी। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन कर घेराव किया।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने गेट को खोलकर अंदर घुसने का प्रयास भी किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों से उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस अधीक्षक उनके बीच आकर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

इस पर पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने प्रदर्शनकारियों के बीच आकर आश्वस्त किया कि तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष व सख्त जांच की जाएगी। दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा।

एसपी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल के माध्यम से कराकर वीडियोग्राफी कराई गई है। साथ ही कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

वहीं कुछ प्रदर्शनकारी जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे। यहां जिलाधिकारी डा. संदीप तिवारी ने आक्रोशित लोगों को भरोसा दिलाया कि घटना की निष्पक्ष जांच कर आरोपितों को सजा दिलाई जाएगी। कहा कि मनोज की मौत को लेकर पुलिस पर लापरवाही के जो आरोप लगाए गए हैं उसकी भी जांच कराई जाएगी।

जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी लौट आए। प्रदर्शनकारियों में पूर्व प्रमुख कर्ण सिंह, मनोज कठैत, सुखबीर सिंह रौतेला, दीपक रतूड़ी, देवेश्वरी देवी, लक्ष्मण सिंह, दर्शन सिंह सहित कई नागरिक शामिल रहे।

होटल व खच्चर संचालक समेत तीन हिरासत में
मृतक के भाई प्रकाश की तहरीर पर गोविंदघाट थाने में मनोज की हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस तीन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।

इसमें होटल व खच्चर संचालक भ्यूंडार निवासी देवेंद्र सिंह चौहान, होटल स्वामी का बेटा संदेश चौहान और एक अन्य खच्चर संचालक योगेश शामिल है। वहीं मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर स्वजन ने पोस्टमार्टम के बावजूद शव नहीं लिया है। शव पोस्टमार्टम हाउस में ही है।

यह है मामला
29 जून को घांघरिया में नंदानगर बांजबगड़ निवासी मनोज बिष्ट लापता हो गया था। मनोज हेमकुंड यात्रा मार्ग पर पुलना भ्यूंडार निवासी होटल व घोड़ा खच्चर संचालक देवेंद्र सिंह चौहान के यहां काम करता था। 29 जून को मनोज बिष्ट का लेनदेन को लेकर खच्चर स्वामी देवेंद्र सिंह चौहान से विवाद हुआ था।

खच्चर संचालक पर मनोज से मारपीट का आरोप लगा था। इस पर पुलिस चौकी घांघरिया में मनोज ने शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता कराया था। इसके बाद से मनोज लापता था। स्वजन ने मामले में मनोज की गुमशुदगी में पुलिस पर हीलाहवाली का आरोप लगाया था।

पांच जुलाई तक फोन पर बज रही थी घंटी
पुलिस घांघरिया से गोविंदघाट क्षेत्र में मनोज की तलाश कर रही थी। पांच जुलाई तक मनोज के फोन पर घंटी भी जा रही थी, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था। स्वजन ने सात जुलाई को मनोज की गुमशुदगी गोविंदघाट थाने में दर्ज कराई।

इस दौरान सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद साफ हुआ कि लापता होने की तिथि के बाद से मनोज गोविंदघाट की ओर नहीं आया था। ऐसे में स्वजन ने होटल स्वामी पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस घांघरिया से गोविंदघाट पैदल रास्ते के दोनों ओर लापता मनोज को खोजती रही। इसके लिए एसडीआरएफ भी लगाई गई थी।

रविवार को जंगल में पेड़ से लटका मिला था शव
रविवार को लकड़ी के लिए जंगल गए नेपाली मजदूर ने घांघरिया हेमकुंड बाईपास पैदल मार्ग से सात सौ मीटर अंदर जंगल में एक सूखे पेड़ पर रस्सी के सहारे शव लटका देखा था। तब जाकर गुमशुदा मनोज को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई। वहीं मृतक का मोबाइल फोन घटनास्थल से विपरीत दिशा में गुरुद्वारे के पीछे मिला था।