Uttarakhand News 2 Dec 2025: हल्द्वानी रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। अब अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को होगी।

हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क
हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी का अभियान चला रखा है। संदिग्ध तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। एसएसपी डॉ. टीसी ने सुरक्षा तैयारियों को बारीकी से मॉनिटर किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले SSP मंजुनाथ टीसी मैदान में
हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले नैनीताल पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। एसएसपी नैनीताल डॉ. मंजुनाथ टीसी खुद मैदान में उतरकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं।

नैनीताल एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा 6 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन कराना और कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील रहेगा। अत्याधुनिक असलहों के साथ पैरामिलिट्री तथा रेलवे पुलिस फोर्स भी तैनात रहेगी। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने रेलवे भूमि अतिक्रमण को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद हल्द्वानी शहर और बनभूलपुरा में रूट डायवर्जन प्लान पुलिस ने लागू कर दिया है। इसके तहत कई क्षेत्रों को जीरो जोन भी बनाया गया है। इन जगहों पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही नहीं होगी। एसपी यातायात डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि डायवर्जन प्लान मंगलवार सुबह आठ बजे से रात्रि नौ बजे तक प्रभावी रहेगा। सुबह आठ बजे से रात के दस बजे तक नैनीताल जनपद में सभी प्रकार के भारी मालवाहक के साथ ही अति आवश्यक सेवा से संबंधित वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इन सभी को जनपद की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा।

रामपुर और रुद्रपुर से आने वाले व सभी वाहन पंतनगर तिराहा दिनेशपुर मोड़ से डायवर्ट होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 109 नया बाईपास होते हुए पंतनगर से नगला तिराहा, किच्छा, सितारगंज, खटीमा से जाएंगे। होते हुए अपने गंतव्य को जाएंगे।
पर्वतीय जनपदों से मैदानी क्षेत्र आने वाले समस्त प्रकार के वाहन चंपावत होते हुए टनकपुर रोड का प्रयोग करेंगे।
रामपुर रोड से आने वाले एवं नैनीताल, भीमताल, भवाली, कैंचीधाम की ओर जाने वाले वाहन गन्ना सेंटर, शीतल होटल तिराहा से डायवर्ट होकर तीनपानी फ्लाईओवर से गौलापार रोड का प्रयोग करेंगे। अन्य वाहन देवलचौड़ तिराहा से डायवर्ट होकर छड़ायल चौराहा से सेंट्रल हॉस्पिटल तिराहा होते हुए लालडांठ तिराहा से पनचक्की मार्ग का प्रयोग करेंगे।
रामनगर, बाजपुर के वाहन नैनीताल तिराहा कालाढूंगी से डायवर्ट होकर मंगोली होते हुए जाएंगे। अन्य वाहन ऊंचापुल चौराहा, लालडांठ से पनचक्की होते हुए नरीमन होकर जाएंगे।

बीएनएसएस की धारा 135 और 172 लागू
बनभूलपुरा का इलाका काफी बड़ा और घनी आबादी वाला है। ऐसे में इसके चारों ओर पुलिस ने सिस्टेमैटिक तरीके से सुरक्षा की तैयारी की है। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए बीएनएसएस की धारा 135 (गलत तरीके से बंधक बनाने के प्रयास में हमला या आपराधिक वल प्रयोग से संबंधित) और 172 (पुलिस के वैध निर्देशों का पालन करने की बाध्यता से संबंधित) को लागू कर दिया गया है। सोमवार की शाम एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट संजीत कुमार और सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मनमोहन सिंह के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में आईटीबीपी और सीआरपीएफ की टुकड़ियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए ।

बॉर्डर पर हुई वाहनों की चेकिंग
बनभूलपुरा रेलवे जमीन अतिक्रमण की सुप्रीम सुनवाई से पहले सोमवार सुबह से पुलिस बल सक्रिय हो गया है। नैनीताल जिले के नौ प्रमुख बॉर्डर पर पुलिस ने चेकिंग शुरू कर दी गई। दोपहर में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन परिसर में आरपीएफ और पुलिस जवानों को अफसरों ने ब्रीफ किया। इसके बाद बनभूलपुरा में एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल और एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र के साथ मार्च हुआ। एसएसपी के निर्देश पर सोमवार सुबह से बॉर्डर पर पुलिस फोर्स सक्रिय हो गई। सभी वैरियरों के साथ ही मुख्य मार्गों व संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त हुई। जनपद सीमा के बेलबाबा बॉर्डर बैरियर, आम्रपाली वैरियर, हल्दूचौड़, रामनगर रूट बैरियर, कालाढूंगी का गड़प्पू बैरियर, बारापत्थर बैरियर, भीमताल, खैरना बैरियर और सुभाष नगर बैरियर पर वाहनों को रोककर चेकिंग की गई।

सात ड्रोन करेंगे निगरानी, 12 सीसीटीवी से रहेगी नजर
बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने न केवल सतर्कता बरती है बल्कि हर तरह से निगरानी की तैयारी की है। सात ड्रोनों के जरिये बनभूलपुरा के संवेदनशील इलाकों पर पुलिस नजर रखेगी। 12 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के जरिये कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाएगी। यहां किसी भी कैमरे में संदिग्ध गतिविधि दिखने पर नजदीकी पुलिस टीम को सतर्क किया जाएगा।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि अतिक्रमण के मुद्दे पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के बीच पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी नैनीताल ने मौके पर जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी बताते हैं कि बनभूलपुरा और गफूरबस्ती क्षेत्र में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर वर्ष 2007 में भी हाईकोर्ट ने आदेश पारित किए थे। तब प्रशासन ने 2400 वर्गमीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया था। 2013 में उन्होंने गौला नदी में हो रहे अवैध खनन और गौला पुल के क्षतिग्रस्त होने के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान रेलवे भूमि के अतिक्रमण का मामला फिर से सामने आ गया। 9 नवंबर 2016 को कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए रेलवे को दस सप्ताह के भीतर समस्त अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र देकर उक्त जमीन को प्रदेश सरकार की नजूल भूमि बताया लेकिन 10 जनवरी 2017 को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

जोशी बताते हैं कि इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में कई विशेष याचिकाएं दाखिल हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि वह अपने व्यक्तिगत प्रार्थना पत्र 13 फरवरी 2017 तक हाईकोर्ट में दाखिल करें और इनका परीक्षण हाईकोर्ट करेगा। इसके लिए तीन माह का समय दिया गया। छह मार्च 2017 को कोर्ट ने रेलवे को अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर याचिकाकर्ता जोशी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। रेलवे और जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा लेकिन कब्जा तब भी नहीं हटा।

जोशी ने 21 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर कर कर कहा कि रेलवे अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने में नाकाम साबित हुआ है। 18 मई 2022 को कोर्ट ने सभी प्रभावित व्यक्तियों को अपने तथ्य न्यायालय में रखने के निर्देश दिए लेकिन अतिक्रमणकारी उक्त भूमि पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे। 20 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने फिर से रेलवे को अतिक्रमणकारियों को हफ्ते भर का नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने संबंधी निर्देश दिए। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया जहां आज इस पर सुनवाई होनी है।

हल्द्वानी रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज (मंगलवार) सुनवाई होनी थी, जिसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है अब अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। बता दें कि, रेलवे की ओर से कहा गया है कि हल्द्वानी में उनकी 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 अतिक्रमणकारी काबिज हैं।