Uttarakhand News 14 May 2024: Haldwani Crime नैनीताल की ही 15 वर्षीय एक किशोरी ने इस बच्चे को जन्म दिया था। चार साल पहले यह मामला नैनीताल में खासा चर्चा में रहा था। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती नवजात की मां को तलाशने की थी। पूरे मामले में डीएनए रिपोर्ट अहम साबित हुई जिसने बताया कि नाबालिग संग दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाला चचेरा भाई नहीं बल्कि जीजा था।

Haldwani Crime: रिश्तों को कलंकित करने के एक मामले में आखिरकार दोषी को सजा मिल ही गई। पूरे मामले में डीएनए रिपोर्ट अहम साबित हुई, जिसने बताया कि नाबालिग संग दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाला चचेरा भाई नहीं, बल्कि जीजा था।

इसके बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो नंदन सिंह राणा की अदालत ने 20 साल की सजा सुना दी। हालांकि, इस मामले को लेकर पहले जिस किशोर पर आरोप लगा था। उसने आहत होकर आत्महत्या कर ली थी।

फरवरी 2020 में नैनीताल के मल्लीताल थानाक्षेत्र में एक नाली में नवजात शिशु के नजर आने पर स्थानीय लोग उसे बीडी पांडे अस्पताल लेकर पहुंच गए थे। प्राथमिक उपचार के बाद उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया था। गनीमत रही कि नवजात की जान बच गई।

नाबालिग चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था
वहीं, पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी, जिसके बाद पता चला कि नैनीताल की ही 15 वर्षीय एक किशोरी ने इस बच्चे को जन्म दिया था। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में अपने नाबालिग चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने किशोर को पकड़कर बाल सुधार गृह भेज दिया था। साथ ही डीएनए सैंपल भी ले लिया था।

इधर, कुछ दिन बाद बाल सुधार गृह से बाहर आने पर किशोर ने आहत होकर आत्महत्या कर ली थी। इस बीच किशोर की डीएनए सैंपल की रिपोर्ट भी आ गई, जिससे पता चला कि किशोर और नवजात का डीएनए अलग-अलग है। यानी बच्चा किसी और का था। इस स्थिति पुलिस भी असमंजस में पड़ गई। इसके बाद मृतक के स्वजन ने शक के आधार पर पीड़िता के जीजा समेत चार लोगों का सैंपल लेने की मांग की।

कुछ दिनों बाद आई रिपोर्ट से जीजा के ही जैविक पिता होने की पुष्टि हुई। वहीं, शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि दोष साबित करने के लिए दस गवाहों का परीक्षण करवाया गया। इसके बाद पीड़िता के जीजा को 20 साल की सजा सुनाने के साथ 20 हजार अर्थदंड भी लगाया गया।

मां का पता बताने पर डीएम ने की थी इनाम की घोषणा
चार साल पहले यह मामला नैनीताल में खासा चर्चा में रहा था। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती नवजात की मां को तलाशने की थी। मां के बारे में जानकारी देने पर तत्कालीन डीएम ने बकायदा 10 हजार इनाम की घोषणा भी की थी।