Uttarakhand News 7 October 2025: हल्द्वानी शहर के बाजारों में सरकारी सड़क और फुटपाथ काली कमाई का जरिया बने हुए हैं। कई कारोबारी अपने प्रतिष्ठानों के आगे स्थित सड़क व फुटपाथ को किराये पर देकर रोजाना 300 से 2500 रुपये तक शुल्क ले रहे हैं। छोटी-छोटी रकम से महीने में एक करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई हो रही है। नाक के नीचे चल रहे इस काले खेल के बावजूद नगर निगम प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं। सोमवार को शहर के मुख्य बाजार का भ्रमण कर यह जानने का प्रयास किया कि यहां कितने कारोबारियों ने अपनी दुकान के आगे फुटपाथ और सड़क को स्थायी रूप से दूसरे कारोबारियों को किराये पर दिया है। पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

करीब दो किमी से अधिक लंबे बाजार में करीब पौने चार सौ दुकानदार ऐसे मिले जो दुकानों के आगे सड़क और फुटपाथ पर कारोबार जमाए थे। इनकी ओर से दुकान स्वामियों को हर रोज के हिसाब से तय रकम दी जाती है। अगर सभी की रकम को जोड़ा जाए तो हर दिन तकरीबन 3.61 लाख और महीने में एक करोड़ से अधिक रुपये व्यापारी सिर्फ दुकान लगाने देने के एवज में जेब में डाल रहे हैं।

कहां कितना है सड़क व फुटपाथ का किराया
बाजार किराया (प्रतिदिन) कुल दुकानें कुल रकम
पटेल चौक ₹500 50 ₹25000
साहूकारा लाइन ₹300 15 ₹4500
नल बाजार ₹500 25 ₹12500
सदर बाजार ₹1000 150 ₹150000
कारखाना बाजार ₹500 50 ₹25000
मीरा मार्ग ₹500 20 ₹10000
नया बाजार ₹700 10 ₹7000
कालू सिद्ध मंदिर के सामने ₹1000 50 150000

सड़क और फुटपाथ को किराए पर देने वाले कारोबारियों के खिलाफ नगर निगम का अभियान तीन-चार दिन से चल रहा है। रविवार को ही ऐसे दस दुकानदारों का चालान किया गया है। हफ्ते भर पहले ऐसे सभी दुकानदारों को एनाउंसमेंट कर चेतावनी दे दी गई थी कि वह अपनी दुकानों के आगे सड़क और फुटपाथ को खाली करा लें और उसे किराए पर न दें। निगम किसी भी कीमत पर दुकान के आगे किराये की दुकानें बर्दाश्त नहीं करेगा। ऋचा सिंह, नगर आयुक्त, हल्द्वानी

370 से अधिक किरायेदार
शहर के मुख्य बजार कुल लंबाई लगभग दो किलोमीटर है। इनमें हर जगह अतिक्रमण पैर जमाए हुए है। इस सामान्य अतिक्रमण के अलावा इन बाजारों में 370 के करीब ऐसे दुकानदार हैं जो बड़े कारोबारियों के रहमोकरम पर सड़क और फुटपाथ पर धंधा कर रहे हैं।

सड़कें हो जाती हैं संकरी
अतिक्रमण के चलते यहां सड़कें अत्यधिक संकरी हो जाती हैं। इस कारण खरीदारी करने आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोग कई बार अतिक्रमण को पूरी तरह हटाने की मांग कर चुके हैं लेकिन नतीजा सिफर है।

आपराधिक तत्व हो जाते हैं सक्रिय… बाजार में अतिक्रमण के कारण लोगों की आवाजाही के लिए जगह कम पड़ जाती है। भीड़भाड़ के दौरान इन बाजारों में जेब कतरे और झपटमार भी सक्रिय रहते हैं।

व्यापारी संगठन बोले
जिन्होंने अपनी दुकानों के आगे की जगह फड़ या अन्य प्रकार की सामग्री बेचने के लिए किराये पर दे रखी है ऐसे व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हमारा संगठन शुरू से ही सभी व्यापारियों से अपील करता आया है। ऐसे व्यापारियों का हमारा संगठन कभी साथ नहीं देगा। -अमरजीत सिंह चड्डा, प्रदेश अध्यक्ष देवभूमि व्यापार मंडल

कोई भी व्यापारी अपनी दुकान के आगे की जगह किराये पर नहीं दे सकता है। नगर निगम और जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नगर निगम नहर कवरिंग रोड पर फुटपाथ में फड़ लगवा रहा है क्या यह अतिक्रमण नहीं है। मजिस्ट्रेट को भी इस संबंध में अवगत कराया गया है। -हुकुम सिंह कुंवर, प्रदेश अध्यक्ष, देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल

दुकान के आगे किराये पर फड़ लगाने वाले व्यापारी बाजार का स्वरूप बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिला प्रशासन से भी इस संबंध में बातचीत की जा चुकी है। व्यापार प्रभावित हो रहा है। ग्राहकों का बाजार आना मुश्किल हो गया है। -विपिन गुप्ता, जिलाध्यक्ष प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल

हमारा संगठन अतिक्रमण के खिलाफ है। सदर बाजार, कारखाना बाजार में काफी 66 ज्यादा अतिक्रमण हो रहा है। यह हटना चाहिए। इस पर नगर निगम और जिला प्रशासन को कार्रवाई करने की जरूरत है।