Uttarakhand News 29 Jan 2025: अभिभावक वाहन की चाबी अपने लाडले को देते समय उसकी जिद तो पूरी कर देते हैं लेकिन उसके भविष्य के साथ सड़क पर चलने वाले आम लोगों की जान भी खतरे में डाल देते हैं। हादसा होने के बाद स्वजनों के पास कोई जवाब नहीं होता है। शहर के अंदर नाबालिग चालक धड़ल्ले से वाहन दौड़ा रहे हैं तो कहीं-कही ये बिना हेलमेट के रफ्तार से बातें कर रहे हैं। बीते सप्ताह हुए दो हादसे इसकी गवाही दे रहे हैं। इसके बावजूद नाबालिग फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं।

पहली घटना 22 जनवरी की रात सवा आठ बजे के करीब रामपुर रोड के किशनपुर घुड़दौड़ा के पास हुई। घटना में नाबालिग ने दिल्ली नंबर की एक्सयूवी 700 से पहले तो स्कूटी सवार सागर नेगी को ठोंका फिर वाहन के साथ डेढ़ सौ मीटर तक घसीटते ले गए। आगे जाकर कार पेड़ से टकरा गई और स्कूटी सवार की मौके पर मौत हो गई। नाबालिग चालक तीन दिनों तक पुलिस की हिरासत में रहा, तहरीर नहीं मिली और पुलिस ने नाबालिग को उसके परिवार को सौंप दिया। अब वह अपने घर महाराष्ट्र के नागपुर जनपद के यशोधरा थाना क्षेत्र के भीलगांव चला गया।

दूसरा मामला 25 जनवरी की रात हुआ था। मिनी स्टेडियम तिराहा के पास बुलेट सवार ने स्कूटी सवार राजस्व कर्मी वीरेंद्र पांडे को टक्कर मार दी। हादसे में उनकी मौत हो गई। इस घटना में सामने आया कि बुलेट सवार कक्षा 12वीं का नाबालिग छात्र है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने प्राथमिकी तो लिखी लेकिन अज्ञात में। अब पुलिस की जांच के बाद अज्ञात, ज्ञात हो सकेगा। पर, कौन होगा? यह बाद की बात है।

क्या कहता है नियम
सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 2017 में लागू हुआ। इसमें स्पष्ट है कि यदि कोई नाबालिग लापरवाही से वाहन चलाकर किसी की जान लेता है तो उसके माता-पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें तीन साल की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है। धारा 125 के तहत मुकदमा होगा और 12 महीने के लिए वाहन भी सीज होगा।