Uttarakhand News 2 October 2025: बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि से ऊपरी गंगनहर को मरम्मत और साफ-सफाई के लिए बंद कर दिया जाएगा। हालांकि इस साल शारदीय नवरात्र नौ की बजाय दस दिन के होने के कारण गंगनहर की बंदी की अवधि एक दिन कम हो जाएगी। गंगनहर के बंद रहने की अवधि में श्रद्धालुओं को गंगा स्नान में दिक्कत हो सकती है। हालांकि सुबह और शाम की गंगा आरती के लिए पानी छोड़ा जाएगा।

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग हर साल ऊपरी गंगनहर की सफाई और मरम्मत के लिए इसे बंद करता है। इस बार दशहरा की मध्य रात्रि से शुरू होने वाली यह बंदी छोटी दीपावली की मध्य रात्रि तक चलेगी। आमतौर पर यह बंदी 18 दिनों की होती है लेकिन इस साल नवरात्रि बढ़ने से यह 17 दिन की रहेगी।

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण शर्मा ने बताया कि गंगनहर की मरम्मत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी हरकी पैड़ी क्षेत्र में 11 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है और पानी का स्तर लगभग पांच फुट है। गंगनहर बंद होने के बाद हरकी पैड़ी पर केवल सुबह और शाम की गंगा आरती के समय ही पानी छोड़ा जाएगा जिससे पानी का स्तर एक से डेढ़ फुट तक रहेगा।

क्यों की जाती है गंगनहर बंद
यह बंदी एक आवश्यक प्रक्रिया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग नहर की गाद निकालने, उसके किनारों की मरम्मत करने और नहर के गेटों की जांच व रखरखाव का काम करता है। यह सब इसलिए किया जाता है ताकि साल भर नहर से पानी की सुचारू आपूर्ति बनी रहे।

नहर बंद रहने से पड़ेगा यह असर
ऊपरी गंगनहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई का मुख्य स्रोत है। इसके बंद होने से हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ जैसे जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना बंद हो जाता है जिससे उनकी फसलों पर सीधा असर पड़ता है। गंगनहर बंद रहने के दौरान हरिद्वार में हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर गंगा का जलस्तर बहुत कम हो जाता है। हालांकि सुबह-शाम की गंगा आरती के लिए नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ा जाता है लेकिन गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को कम पानी के कारण परेशानी होती है। वेस्ट यूपी और दिल्ली में पेयजल आपूर्ति भी गंगनहर बंद रहने से प्रभावित होती है।