Uttarakhand News 23 Dec 2025: बांग्लादेश में चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच कट्टरपंथ से जुड़ा एक बेहद भयावह मामला सामने आया है। भारत विरोधी प्रदर्शनों के माहौल में एक हिंदू व्यक्ति को भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला और बाद में उसे पेड़ से बांधकर आग के हवाले कर दिया।
यह घटना बांग्लादेश के मयमनसिंह इलाके की बताई जा रही है, जहां इस्लाम का अपमान करने के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति को निशाना बनाया गया। बताया गया कि घटना के समय प्रदर्शनकारी ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगा रहे थे। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला दिया।
यह हत्या ऐसे समय पर हुई है, जब जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेताओं में शामिल शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
हिंसा की कोई जगह नहीं
इस घटना पर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने हिंदू युवक की लिंचिंग की निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पहले अंतरिम सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि इस कठिन समय में सभी नागरिक हिंसा, उकसावे और नफरत को खारिज करें और उनका विरोध करके शहीद हादी को सम्मान दें।
बांग्लादेशी बंगाली मीडिया आउटलेट बार्ता बाजार के अनुसार, दीपू चंद्र दास पर विश्व अरबी भाषा दिवस के मौके पर एक कारखाने में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। यह आरोप फैलते ही इलाके में तनाव बढ़ गया और गुस्साई भीड़ ने दीपू पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद हालात और भयावह हो गए, जब भीड़ ने उसके शव को रस्सी से पेड़ से बांधा, नारेबाजी करते हुए पीटा और फिर आग लगा दी। इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।
घटना की पुष्टि करते हुए भालुका उपजिला के कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद फिरोज हुसैन ने बताया कि पैगंबर के अपमान के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या हुई है और शव फिलहाल पुलिस हिरासत में है। वहीं, अवामी लीग के नेता मोहम्मद अली अराफात ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि बांग्लादेश तेजी से कट्टरपंथ की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।







