Uttarakhand News 14 Dec 2024: देहरादून। IMA POP: कहते हैं किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही एक किस्सा इंडियन मिलिट्री अकादमी की पासिंग आउट परेड में देखने को मिला।

देश सेवा के जुनून और सेना में भर्ती होने के जज्बे ने रानीखेत के दीपक सिंह बिष्ट को 11 बार असफल होने के बाद 12वीं दफा सेना में अधिकारी बना दिया। हालांकि ढाबा संचालक के पुत्र दीपक के लिए यह सफर इतना आसान नहीं रहा। उनकी कड़ी मेहनत, जोरदार हौसले और स्वजन की निरंतर सहायता के बल पर यह संभव हुआ।

दिल्‍ली में चलाते हैं ढाबा
मूल रूप से ग्राम बग्वालीपोखर रानीखेत जिला अल्मोड़ा के रहने वाले दीपक सिंह बिष्ट के पिता दिल्ली में एक ढाबे का संचालन करते हैं। दीपक ने प्रारंभिक शिक्षा घर के समीप स्थित महतगांव के प्रिंस पब्लिक स्कूल से ली। इसके बाद वह भी माता-पिता के साथ दिल्ली चले गए और वहां सूरजमल विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।

हालांकि इस दौरान उन्होंने एनसीसी ले रखी थी और प्रशिक्षण के दौरान उनके आंखों में सेना में अधिकारी बनने का सपना तैरने लगा। इसके लिए उन्होंने दसवीं की परीक्षा के बाद से ही सेना में अधिकारी बनने की परीक्षा देनी शुरू कर दी। 11वीं बार सफलता मिली तो उन्हें हवाई सेना में भर्ती होने का मौका मिला। लेकिन उन्हें थल सेना का जुनून था और 12वीं बार सीडीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर उन्होंने थल सेना में नियुक्ति पायी।

बेटे को वर्दी में देख खुशी से भर आयी आंख

शनिवार को पीपिंग सेरेमनी के दौरान जब वह माता गीता देवी बिष्ट और पिता राजेंद्र सिंह बिष्ट से मिले तो बेटे को वर्दी में देखकर खुशी से उनकी आंख भर आयी। हालांकि परिवार के लिए यह काफी खुशी का क्षण रहा। इस दौरान वहां पहुंचे उनके अन्य स्वजन ने दीपक को खुशी से गोद में उठा लिया। पिता ने बताया कि दीपक ने सेना की तैयारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का कार्य भी किया।

लेफ्टिनेंट बेटे को देखकर खुशी से झूम उठे सुबेदार पिता
देहरादून। लेफ्टिनेंट बेटे को देखकर सुबेदार पिता खुशी से झूम उठे। पीपिंग सेरेमनी के दौरान बधाई देने पहुंचे स्वजन ने बेटे को शुभकामनाएं देकर खूब आर्शीवाद दिया। मूल रूप से चमोली जिले की गैरसैंण तहसील के कोठा गांव निवासी तरुण ममगाईं तीसरे प्रयास में टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) की परीक्षा उत्तीर्ण कर सेना में अधिकारी बने।

उन्होंने बताया कि उनके पिता महेशानंद सेना में सुबेदार हैं। जबकि उनके दादा मोहन दत्त बार्डर रोड आर्गनाइजेशन में सेवा दे चुके हैं। वहीं, चचेरे भाई संजय दत्त सेना में मेजर पद पर तैनात है। उन्होंने बताया कि घर में बचपन से सेना का माहौल होने पर उन्होंने भी देश सेवा करने की ठान ली और आखिरकार अब उन्हें सफलता मिल गई। बेटे के कंधे पर सितारे देखकर पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

तरुण ने पांचवी तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल संतर विहार, दिल्ली कैंट से पूरी की। इसके बाद छठीं से 12वीं तक वह आर्मी स्कूल महू, इंदौर में पढ़े। फिर उन्होंने इंदौर की मेडिकैप यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।

उनकी माता रेखा ममगाईं गृहिणी हैं और बहन अंजलि देहरादून में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। इस मौके पर उनके पिता ने कहा कि अभी मेरे सेवानिवृत्त होने में दो साल का समय है और यह हर्ष की बात है कि इस दौरान दोनों पिता-पुत्र एक साथ सेना में देश सेवा करेंगे।