Uttarakhand News 2 september 2025: नैनीताल। जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगाता हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है। पर्यटकों के साथ ही रोजमर्रा के काम काज के लिए स्थानीय लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। लगातार वर्षा से झील के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

जल स्तर 87.5 फिट पहुंचने के बाद झील के निकासी गेट 15-15 इंच खोल दिए गए हैं। जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 16 सड़क मार्ग बंद है। हालांकि किसी बड़ी हताहत की सूचना नहीं है। बारिश से झील में नौकायन के अलावा शहर में पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा है।

मौसम विभाग की ओर से जिले में सोमवार को भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया था। रविवार रात से ही शहर में हो रही मूसलाधार वर्षा सोमवार पूरे दिन लगी रही। जिससे जनजीवन ठहर गया। हालांकि विद्यालयों में अवकाश घोषित होने से बच्चों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। वर्षा के चलते स्थानीय लोग और पर्यटक होटल और घरों में दुबकने को मजबूर नजर आये। झील से जुड़े नाले उफान पर रहे तो सड़कें जलमग्न नजर आई। जिससे लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।

16 सड़कें बंद
वर्षा सड़कों के लिए आफत बनकर बरस रही है। भूस्खलन व मलबा आने के कारण जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन राज्य मार्ग, एक प्रमुख जिला मार्ग व 11 ग्रामीण मार्ग बंद है। जिसमें ज्योलीकोट-क्वारब, गर्जिया-बेतालघाट, मोना ल्वेशाल- कालापातल, रामनगर-भंडारपानी, चमड़िया-लोहाली, हल्द्वानी चोरगलिया, नाई-भुमका, छिड़ाखान-अधौड़ा, खन्स्यू-टांडा, मरनौला-भीड़ापानी, कसियालेख-बूढ़ीबना सूपी, देवली-महतोली, ओखलकांडा तल्ला- कनाला, गांधी ग्राम-पस्तोला, रातीघाट-बारगल, भुजियाघाट-सूर्यागांव मार्ग बंद पड़े है।

15-15 इंच खोले झील के निकासी गेट
रात से हो रही मूसलाधार वर्षा से झील के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। झील का जल स्तर बढ़कर 87.5 फिट पहुंच गया है। एहतियात के तौर पर सिंचाई विभाग ने झील से पानी की निकासी बढ़ा दी है। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह गैड़ा ने बताया कि झील के दोनों गेटों को 15-15 इंच खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। जलस्तर बढ़ने पर निकासी को और बढ़ाया जाएगा। 24 घंटे में 55 एमएम से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।

नंदा देवी मेला परिसर में पानी
शहर में हो रही मूसलाधार वर्षा से नंदा देवी मेला परिसर भी पानी पानी हो गया। मेला परिसर में लगी कैनोपी के बाहर व भीतर पानी भरने से कारोबारियों का सामान खराब हो गया जबकि लोगों की आवाजाही नहीं होने से कारोबारी दिनभर मायूस बैठे रहे। मेलाधिकारी ने मेला परिसर का निरीक्षण कर पालिका को जलभराव से निपटने के निर्देश दिये। इस वर्ष नंदा देवी महोत्सव में टिन के स्थान पर कैनोपी व वॉटरप्रूफ टेंट के भीतर दुकानें लगाई गई है।

मेला परिसर में जलभराव नहीं होने का दावा फेल
नगर पालिका का दावा था कि वर्षा के दौरान मेला परिसर में जलभराव नहीं होगा। कैनोपी के भीतर दुकानें लगने से कारोबारियों का सामान भी खराब नहीं होगा। बीती रात से हो रही वर्षा ने पालिका के दावों व सारे इंतजामों पर पानी फेर दिया। सोमवार को हुई मूसलाधार वर्षा में मेला परिसर में जलभराव की स्थिति बनी रही। वॉटरप्रूफ टेंट के भीतर छत से नहीं, नीचे से पानी घुसने से कारोबारियों का काफी सामान खराब हो गया। वर्षा के बचाव के लिए कारोबारियों को दुकानों को चारों ओर से तिरपाल से ढकना पड़ा।

मेला परिसर में लोगों की आवाजाही कम
वर्षा के चलते मेला परिसर में लोगों की आवाजाही बेहद कम रही। सुरक्षा की दृष्टि से झूले भी बंद रहे। जिससे कारोबारी बेहद मायूस नजर आए। जलभराव की सूचना मिलने के बाद मेलाधिकारी एसडीएम केएन गोस्वामी ने मेला परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने पालिका को मेला परिसर में कैनोपी व वाटरप्रूफ टेंट के बाहर एकत्रित हो रहे पानी की निकासी करने के निर्देश दिये।