Uttarakhand News, 18 November 2022 :CBI investigation against Trivendra Singh Rawat: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच चल रही राजनीतिक रस्साकशी अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है| पुष्कर सिंह धामी सरकार ने रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के मसले से खुद को अलग करने का फैसला लिया है| उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस अपील को वापस लेने का आग्रह किया है, जिसमे उसने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी| उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस अर्जी को वापस लेने का आग्रह किया है जिसमें सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच कराने के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी| दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ गंभीर आरोप को देखते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिए थे|

उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा भी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी कि हाईकोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत का पक्ष सुने बिना सीबीआई जांच का आदेश दे दिया|

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गौरतलब है कि उमेश शर्मा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाया था कि झारखंड का प्रभारी रहते उन्होंने झारखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति कराने के लिए उससे रिश्वत ली थी. ये रकम त्रिवेंद्र सिंह के रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराई गई थी. इस आरोप के बाद उमेश शर्मा के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया था जिसके खिलाफ उमेश ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी| उमेश ने त्रिवेंद्र सिंह पर लगे आरोप को गंभीर बताते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का आदेश देने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने उमेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दे दिया था| हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ त्रिवेंद्र सिंह और उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी|

तटस्थ भूमिका में रहना चाहती है राज्य सरकार:

सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार इस मामले में तटस्थ भूमिका निभाना चाहती है. सरकार चाहती है कि फैसले के खिलाफ त्रिवेंद्र सिंह रावत की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट जो फैसला लेना चाहे ले, लेकिन उत्तराखंड सरकार की इस मामले में कोई भूमिका ना रहे|

उत्तराखंड HC का आदेश क्या था:

अक्टूबर 2020 में नैनीताल हाईकोर्ट ने जहां एक ओर उमेश शर्मा के खिलाफ दायर एफआईआर खारिज की. वहीं, दूसरी ओर त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआइ जांच का भी आदेश दे दिया. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए सच को सामने लाना उचित होगा. यह राज्य के हित में होगा कि संदेह दूर हो. इसलिए मामले की जांच सीबीआई करे|