Uttarakhand News, 26 दिसंबर 2022: प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों के किराए एवं मालभाड़े की दर अब निर्धारित प्रतिशत पर हर वर्ष बढ़ाने की तैयारी है। ये दरें कितनी होंगी, इसके लिए उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएगी।

किराया बढ़ोतरी का सीधा बोझ जनता पर आता है:
प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों के किराया निर्धारण का फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण करता है। अमूमन यह देखा जाता है कि किराया बढ़ोतरी को लेकर एसटीए की बैठकों में प्रस्ताव नहीं आ पाते हैं। इस कारण किराया बढ़ोतरी कभी दो साल, तो कभी तीन साल में एक बार होती है। लंबे समय बाद किराया निर्धारण होने के कारण इसमें 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। इस किराया बढ़ोतरी का सीधा बोझ जनता पर आता है।

हर वर्ष किराया बढ़ाने का निर्णय:
इसे देखते हुए एसटीए की जनवरी 2020 में हुई बैठक में हर वर्ष किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद कोरोना के कारण हर साल किराया वृद्धि का फैसला लागू नहीं हो पाया। इसी वर्ष नवंबर में एसटीए की बैठक में नए सिरे से किराया व मालभाड़े का निर्धारण किया गया। इसमें किराया व मालभाड़े में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई। इसके साथ ही एसटीए ने यह भी निर्णय लिया है कि एक ऐसा फार्मूला तैयार किया जाएगा, जिससे हर साल अपने आप ही नए वित्तीय वर्ष में एक निर्धारित प्रतिशत में किराया वृद्धि लागू हो जाए।

इसके लिए परिवहन मुख्यालय ने अब पांच सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है, जिसे एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपनी है। सचिव एसटीए एसके सिंह का कहना है कि हर साल किराया बढऩे से जनता की जेब पर एक साथ अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और व्यावसायिक वाहन संचालकों को नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा।