Uttarakhand News 9 september 2025: रुद्रप्रयाग। बसुकेदार क्षेत्र के छेनागाड में 28 अगस्त को आई आपदा को 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक लापता नौ लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है। इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों और स्वजन में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कुदाल, फावड़ा, गेंती और सब्बल लेकर खुद ही मलबे की खुदाई शुरू कर दी। इस जनसंकल्प में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।

प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण भारी मशीनें (पाकलैंड) अब तक मौके पर नहीं पहुंच पाई है।

फिलहाल केवल एक जेसीबी के सहारे मलबा हटाया जा रहा है, जो भारी बोल्डरों को हटाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन को पहले ही 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन लापता लोगों का पता न लगने पर सोमवार को स्वयं मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया।

स्वाभाविक मोर्चा के त्रिभुवन सिंह चौहान की अगुवाई में ग्रामीण भारी संख्या में छेनागाड पहुंचे तथा मलबा हटाना शुरू कर दिया। इस अभियान में ग्रामीणों ने त्रिभुवन चौहान को पूरा समर्थन देने की बात कही है।

आपदा प्रभावित गांव तालजामण, बसुकेदार, कालीमठ, जौला, बडेथ, उछोला, पाट्यों, बक्सीर, भुनाल, मथ्या, डांगी और खोड़ से आए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर बिना किसी मशीनरी के खुदाई शुरू की। मलबे से दो गैस सिलिंडर, प्रेशर कुकर और अन्य घरेलू सामान बरामद किए गए।

खुदाई के दौरान मलबे से तेज दुर्गंध आने लगी, जिससे आशंका गहराने लगी है कि कुछ शव संभवतः मलबे में दबे हो सकते हैं। लापता लोगों के स्वजन भी मौके पर पहुंचे और खुदाई में हिस्सा लिया।