Uttarakhand News 21 Jan 2025: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद होने वाली शादियों का एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके बाद जुर्माना देना होगा। यूसीसी की नियमावली में शादियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें स्पेशल मैरिज एक्ट 2010 लागू होने से पहले और बाद की शादियों के रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की मोहलत मिलेगी। इसके अलावा लिव-इन रजिस्ट्रेशन के लिए नियम बाकी सभी से अलग हैं।

लिव-इन में रहने और अलग होने का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी के यहां करना होगा। इसके सत्यापन के लिए 15 दिन का समय होगा। इसके बाद यदि कोई कमी रहती है तो इसकी 30 दिन के भीतर इसकी अपील की जा सकती है।

दरअसल, रजिस्ट्रेशन के लिए कई स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें ग्रामीण स्तरों पर यह शक्ति ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के पास रहेगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में सब रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इसके बाद जिला स्तर पर रजिस्ट्रार इन सभी सेवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगे।

कैंट बोर्ड में समकक्ष अधिकारियों को यह जिम्मेदारी मिलेगी। सबसे अंत में राज्य स्तर पर रजिस्ट्रार जनरल स्तर के अधिकारी होंगे। ये अधिकार सचिव रैंक से नीचे नहीं होंगे। लिव-इन रजिस्ट्रेशन के अलावा सभी सेवाओं के लिए सब रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी ही रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगे।

जुर्माना और शुल्क अभी निर्धारित नहीं
रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शुल्क अभी निर्धारित नहीं किए गए हैं। ये शुल्क समय-समय पर निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन न कराने पर जो जुर्माना देना होगा यह भी भविष्य में ही निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा वसीयत के नियम पहले के जैसे होंगे। हालांकि, यूसीसी लागू होने के बाद यह ऑनलाइन भी की जा सकती है।