Uttarakhand News 24 July 2025: देहरादून। साइबर ठगों ने शहर में एक अध्ययनरत युवती और निजी इंश्योरेंस कंपनी से सेवानिवृत्त अधिकारी को रुपयों का झांसा देकर उनसे 51 लाख रुपये ठग लिए। जिसमें से युवती से 27,38,500 और सेवानिवृत्त अधिकारी से 23,65,000 रुपये की ठगी हुई।

आरोपितों ने युवती को घर बैठे रुपये कमाने और सेवानिवृत्त अधिकारी को शेयर में निवेश कर अधिक रुपये कमाने का झांसा दिया था। साइबर थाना पुलिस ने दोनों घटनाओं में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

धारतावाला पंडितवाड़ी निवासी खुशी सिंधवाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 16 जुलाई को उन्हें व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला। संदेश भेजने वाली ने अपनी नाम माया शर्मा बताया और घर बैठे रुपये कमाने की बात कही। उनके द्वारा हामी भरने पर उन्हें एक टेलीग्राम एप से जोड़कर पार्थवी नाम की लड़की से संपर्क करने के लिए कहा गया।

टेलीग्राम से जुड़ने के बाद उन्हें डिजिट ट्रेड डेटा आपरेशन नाम के टेलीग्राम पेज से जोड़ा गया। उस पेज में कई लोग थे, जिसमें कुछ निश्चित कार्य थे और हर कोई उनका पालन कर रहा था। कार्य था जैसे यू-ट्यूब चैनल की सदस्यता लेना और लाइक करना। उन्हाेंने भी सदस्यता लेकर लाइक किया तो उन्हें शुरुआत में रुपये मिले। इसके बाद उन्हें अनिवार्य कार्य करने के लिए कहा गया।

उन्हें एक नोटरी मिली, जिसमें कंपनी का विवरण और भुगतान चुकाने के संबंध में एक वचन पत्र था। इसके बाद रुपये कमाने के लिए उन्हें निवेश करने के लिए कहा गया। उन्होंने कपंनी द्वारा बताए विभिन्न बैंक खाते में 1000, 3000 और 1500 रुपये निवेश किए। जिसके बदले उन्हें कुछ रकम प्राप्त हुई। 18 जुलाई को उन्होंने 34,000, 50,000, 49,000 व 3,00,000 लाख रुपये निवेश किए।

19 जुलाई को 7,00,000 व 8,00,000 की राशि निवेश की। इस तरह उन्होंने 27,38,500 रुपये का निवेश किया। इतने निवेश के बाद कंपनी के लोगों ने उन्हें वापस भुगतान करने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि वह साइट्स, पेज और कंपनी फर्जी थी।

इधर, लेन नं. 11 चमन विहार निवासी सुधीर कुमार गोयल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 26 जून को फेसबुक विज्ञापन द्वारा 360 वन डब्ल्यूएम नामक लिमिटेड कंपनी से आनलाइन संपर्क हुआ। जो धन व परिसंपत्ति प्रबंधन का कार्य करती है। उनके द्वारा जांच करने पर पता चला कि यह कंपनी भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग (सेबी) में पंजीकृत है।

पेज में कंपनी के प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक का नाम प्रो. करन भगत दर्ज था। उन्होंने गूगल पर कंपनी की पूरी जांच कर उसकी सदस्यता ले ली। इसके बाद उन्हें कंपनी के व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया। ग्रुप का संचालन आरोही पटेल नामक महिला द्वारा किया जा रहा था। ग्रुप में उन्हें निवेश के विभिन्न आफर व आकर्षक लाभों की जानकारी मिलने लगी। चार जुलाई को उन्होंने एक लाख रुपये जमा कर कंपनी के शेयर खरीदे तो कंपनी के एप पर अधिक मुनाफा दिखने लगा।

10 जुलाई को दो लाख और 13 जुलाई को पांच लाख रुपये निवेश किए तो उनके शेयरों की कीमत 15,15,000 रुपये दिखने लगी। उन्होंने मुनाफा निकालना चाहा तो कंपनी ने 14.65 लाख रुपये निवेश करने के लिए कहा। 17 जुलाई को उन्होंने 14.65 लाख रुपये फिर से निवेश किए। जिसके बाद पेज पर उन्हें 56.78 लाख रुपये का मुनाफा दिखने लगा।

18 जुलाई को जब उन्होंने 25 लाख रुपये निकालने चाहे तो उनके अनुरोध को निरस्त कर और रुपये निवेश करने के लिए कहा गया।तब उन्हें अपने साथ साइबर ठगी होने का एहसास हुआ। उन्होंने बताया कि उनके साथ कुल 23,65,000 रुपये की धोखाधड़ी हुई है। प्रभारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला ने बताया कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।

विदेश में नौकरी दिलाने के पर युवक से दो लाख हड़पे
देहरादून: बसंत विहार में एक व्यक्ति ने रानीखेत के युवक को विदेश के होटल में शेफ की नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा रानीखेत तहसील में मामला दर्ज कराया। जहां से जीरो एफआईआर आने पर बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।

गांव बमस्यूं तहसील रानीखेत जनपद अल्मोड़ा निवास पंकज सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि फेसबुक द्वारा उनका संपर्क व्योमप्रस्थ थाना बसंत विहार जनपद देहरादून निवासी दीपक नरियाल से हुआ।दीपक उन्हें विदेश के होटल में शेफ की नौकरी दिलाने का बात कर दो लाख रुपये मांगे।

11 अप्रैल 2024 को उन्होंने देहरादून पहुंचकर दीपक के कार्यालय में उससे मुलाकात कर 20 हजार रुपये नकद दिए। शेष बैंक खाते में ट्रांसफर किए। लेकिन अब तक उन्हें नौकरी नहीं मिली। अब आरोपित उनके रुपये भी वापस नहीं कर रहा। थानाध्यक्ष प्रदीप रावत ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा।