Uttarakhand News 11 Dec 2024: मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार को कुमाऊं में अनेक स्थानों पर हुई वर्षा, हिमपात से ठिठुरन बढ़ गई है। बीते 24 घंटे में पंतनगर व उसके आसपास का क्षेत्र शीतलहर की चपेट में रहा। नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में गंभीर शीत दिवस की स्थिति रही। हिमपात के बाद पाला पड़ने से चंपावत व मुक्तेश्वर में तापमान माइनस में पहुंच गया है। मंगलवार को पर्वतीय क्षेत्र से लेकर मैदान तक धूप खिली रही। इससे अधिकतम तापमान में थोड़ी सुधार होने से दिन में ठंड से राहत है।

सोमवार की वर्षा व हिमपात के बाद आसमान साफ होने से रात में पाला गिर रहा है। चंपावत, पिथौरागढ़, नैनीताल व अल्मोड़ा जिलों में कई स्थानों पर पाले की परत जम रही है। पाले की वजह से सुबह नौ-10 बजे तक ठिठुराने वाली ठंड पड़ रही है। चंपावत व मुक्तेश्वर का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रहा। इस मौसम का यह सबसे कम तापमान है। बागेश्वर में कौसानी का तापमान शून्य के पास पहुंच गया है। पंतनगर में तापमान तीन डिग्री पहुंचने से गलन महसूस हो रही है।

प्रमुख स्थानों का तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
स्थान- अधिकतम- न्यूनतम

अल्मोड़ा- 20.0 – 1.8
चंपावत – 15.7 – 1.9
कौसानी- 12.1- 0.4
पिथौरागढ़- 15.8- 1.5
मुक्तेश्वर 13.1 -1.8
नैनीताल- 13.6- 2.0
पंतनगर- 23.0- 3.2

जिलेवार 24 घंटे की वर्षा (मिमी में)
अल्मोड़ा -1.2
चंपावत- 0.5
नैनीताल – 2.6
पिथौरागढ़- 1.1
(आंकड़े मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक। स्रोत: मौसम विभाग)

पाले से बचाव के उपाय अपनाएं
मौसम विभाग के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में 11 व 12 दिसंबर को पाला पड़ने का सिलसिला जारी रह सकता है। पाले की वजह से फसलों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इससे कीट व रोग आक्रमण का खतरा रहेगा। बचाव के लिए फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। खेत के चारों ओर शेल्टर बेल्ट लगाकर हवा की गति रोक सकते हैं। पाले से सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं। सुबह-शाम ड्राइविंग करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।

अगले पांच दिन वर्षा व हिमपात की संभावना नहीं है। हालांकि सुबह-शाम ठंड जारी रहेगी। तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हाेगी। अगले दो दिन पर्वतीय क्षेत्र में पाले को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है।- बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून

ये है शीतलहर व गंभीर शीत दिवस
मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या उससे कम व पर्वतीय क्षेत्र में शून्य या उससे कम होने और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री नीचे होने को शीत दिवस कहते हैं। अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री से भी कम हो जाए तो गंभीर शीत दिवस कहा जाता है। वहीं, मैदानी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान जब 10 डिग्री या उसके कम पहुंचता है और यह सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस कम होता है तो शीतलहर कहलाता है। सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री से ज्यादा कम होने पर गंभीर शीतलहर कहा जाता है।