Uttarakhand News 27 May 2025: सीएससी सेंटर की आड़ में साइबर फ्राड का पैसा ट्रांजेक्शन करने का खेल पकड़ गया। स्थानीय पुलिस की सहायता से चेन्नई की साइबर क्राइम टीम ने गैंग के दो सदस्यों को दबोचा लिया। दोनों युवक जसपुर के रहने वाले हैं।
इन्होने 1.50 प्रतिशत कमीशन के लालच में 12.43 लाख रुपये खाते से निकाल कर अन्य युवकों को नकद दे दिए। बदले में 18,645 रुपये का कमीशन प्राप्त कर लिया।
एसपी काशीपुर अभय सिंह ने बताया कि बीते दिनों चेन्नई (तमिलनाडु) की साइबर क्राइम की पांच सदस्य टीम डीएसपी विनयागामूर्ति के नेतृत्व में जसपुर आई थी।
टीम ने बताया कि मोहल्ला नई बस्ती चांद मस्जिद निवासी मोहम्मद वसीम (32) ने अपनी साली सानिया परवीन के एक्सिस बैंक खाते में इंटरनेशनल साइबर स्कैमर गैंग के सदस्यों के जरिये 12.43 लाख रुपये ट्रांसफर कराए थे।
वसीम मोहल्ले में ही सीएससी सेंटर चलाता है। उसने इन पैसों को साली के खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए और डेढ़ प्रतिशत कमीशन मोहम्मद दाउद एवं तरुण भारद्वाज को दे दिया। इन्होंने ने यह पैसा साइबर गैंग के अन्य सदस्य गोगा उर्फ गांधी, प्रियांशु अरोरा, नितिन अटवाल एवं मोनिस सैफी को दे दिए।
एसपी ने बताया कि वसीम, दाऊद और तरुण भारद्वाज ने पिछले कुछ महीनों में लगभग 50 से 60 लाख रुपये साइबर फ्राड के माध्यम से अलग-अलग कस्टमर के खाते से प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिन स्थानीय पुलिस की मदद से चेन्नई पुलिस ने आरोपित मो. वसीम एवं मो. दाऊद को गिरफ्तार किया और सोमवार को टीम उन्हें अपने साथ चेन्नई ले गई।
यह था मामला
डीएसपी विनयागामूर्ति ने बताया कि धानुश्री नामक एक महिला ने चेन्नई के इंजीनियर पीके पार्थसारथी को तमिल मेट्रोमोनियल साईट पर दोस्ती के जरिये प्रेम जाल में फंसाया था। उसने आनलाइन ट्रेडिंग में इनवेस्ट करने का लालच देकर इंजीनियर के 1.39 करोड़ रुपये साइबर फ्राड के माध्यम से अलग-अलग खातों में ट्रांस्फर कर लिए।
इस घटना के पीछे इंटरनेशनल साइबर स्कैमर गैंग का हाथ है। पीड़ित की ओर से साइबर पुलिस स्टेशन चेन्नई में बीएसएन की धारा 318(2), ), 319(2) तथा 66 डीआईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी मामले की छानबीन के लिए चेन्नई पुलिस जसपुर आई थी।