Uttarakhand News 24 March 2025: जनपद रुद्रप्रयाग अपना वायरलेस सिस्टम विकसित करने वाला देश का पहला जनपद बन गया है। जिले के 250 किमी क्षेत्र को वायरलेस सुविधा से जोड़ा गया है, जिससे विषम परिस्थितियों में संपर्क करने में मदद मिलेगी। साथ ही दूरस्थ 36 स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो सकेंगी।
जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवान के प्रयासों से जनपद ने अपना इंट्रानेट स्थापित किया है। इस इंट्रानेट को डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क नाम दिया गया है, जो जनपद के 250 किमी क्षेत्र को कवर कर रहा है। ऐसे में जिले के इस दायरे में कहीं पर भी किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या किसी सूचना के बारे में जानकारी मिल सकेगी। आगामी केदारनाथ यात्रा में भी इस नेटवर्क का पूरा लाभ मिलेगा।
केदारनाथ से सोनप्रयाग और सीतापुर को भी जोड़ा गया नेटवर्क
प्रशासन ने जिला प्लान और खनन न्यास निधि सहित अन्य मदों से इस नेटवर्क को स्थपित किया है। जनपद में 250 किमी क्षेत्र को वायरलेस सिस्टम से जोड़ने के लिए मोबाइल नेटवर्क का कंट्रोल रूम आपदा कंट्रोल रूम में बनाया गया है। साथ ही इस नेटवर्क को जोड़ने के लिए टॉवर भी स्थापित किए गए हैं। खास बात यह है कि यह नेटवर्क आबादी क्षेत्र के साथ ही केदारनाथ से सोनप्रयाग और सीतापुर को भी जोड़ा गया है।
इसके अलावा केदारघाटी के 10 हेलिपैड को भी नेटवर्क से जोड़ा गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार ने जिले को यह सौगात दी है। जनपद का इंट्रानेट आपदा के साथ-साथ केदारनाथ यात्रा और अन्य समय पर भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
सॉफ्टवेयर है इंट्रानेट नेटवर्क
जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार ने बताया कि इंट्रानेट एक सॉफ्टवेयर है, जिसका प्रयोग सूचना के आदान-प्रदान और नेटवर्क की सुरक्षा के लिए होता है। केदारनाथ यात्रा में यात्रा तैयारियों, व्यवस्थाओं और यात्रियों की मॉनीटरिंग के लिए यह इंट्रानेट स्थापित किया गया है। साथ ही आपदा स्थलों की निगरानी, घोडे-खच्चरों का पंजीकरण व निगरानी के साथ ही हाईवे, संपर्क मार्ग, पार्किग की चौबीस घंटे निगरानी की जाएगी।
आपदा में भी काम करता रहेगा वायरलेस सिस्टम
आपदा व अन्य समय पर भी जनपद रुद्रप्रयाग के 250 किमी के दायरे में संचालित हवाई नेटवर्क को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही वायरलेस नेटवर्क में फ्रीक्वेंसी-हॉपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम में दिक्कत नहीं होगी। इस वायरलेस सिस्टम से दूरस्थ 36 स्कूलों को भी जोड़ा गया है।
हेली कंपनियों को मिलेगी मौसम की जानकारी
केदारनाथ यात्रा में संचालित हेलिकॉप्टर सेवा को भी इंट्रानेट से जोड़ा गया है। आगामी यात्रा में पहले दिन से ही सभी हेली कंपनियों को मौसम की सूचना मिलती रहेगी।