Uttarakhand News 26 March 2025: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज पर संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों और पेंशनरों के अंशदान से इलाज का खर्च पूरा नहीं हो रहा है। जिस कारण कैशलेस करने वाले अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ से अधिक हो गई है। अब अस्पताल भी इलाज करने में हाथ खड़े कर रहे हैं।
अंशदायी योजना होने के कारण प्रदेश सरकार की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाता है। वर्ष 2021 में राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों के लिए राज्य स्वास्थ्य योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर असीमित खर्च पर इलाज की सुविधा है।
इस सुविधा के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों के वेतन व पेंशन से हर माह अंशदान लिया जाता है। इससे सालाना 120 करोड़ राशि प्राप्त होती है। जबकि इलाज पर होने वाला सालाना खर्च 300 करोड़ पहुंच गया है। ऐसे में योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ तक पहुंच गई है।
भुगतान न होने पर सूचीबद्ध अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने पहले ही इंकार कर दिया है। वहीं, अन्य अस्पतालों की ओर से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को इलाज न करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है।