Uttarakhand News 01 Jan 2025: दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में आंख के आपरेशन अभी एक सप्ताह और निश्शुल्क किए जाएंगे। निश्शुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर के समापन अवसर पर प्राचार्य डा. गीता जैन ने यह घोषणा की। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों को सम्मानित किया। साथ ही उनका फीडबैक भी लिया।
ओपीडी बिल्डिंग स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य ने कहा कि राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की पहल पर एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति डा. एमएल भट्ट के मार्गदर्शन में यह शिविर आयोजित किया गया था। जिसमें 90 मरीजों की मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद, आंख के पर्दे की सूजन आदि की मुफ्त सर्जरी की गई।
डाक्टर के अच्छे व्यवहार से ही दूर हो जाती है मरीज की आधी बीमारी
बीच में कुछ दिन मौसम खराब भी रहा। जिस कारण पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र के कई लोग शिविर का लाभ नहीं उठा पाए। जिस कारण इसकी तिथि सप्ताहभर के लिए विस्तारित की जा रही है। लाभार्थियों द्वारा चिकित्सक व स्टाफ के व्यवहार की तारीफ किए जाने पर कहा कि किसी मरीज की आधी बीमारी डाक्टर के अच्छे व्यवहार से ही दूर हो जाती है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि लोगों को एक ही छत के नीचे उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में जल्द ही नेत्र बैंक स्थापित होगा। व कार्निया ट्रांसप्लांट की भी सुविधा मिलेगी।
विभागाध्यक्ष डा. शांति पांडेय व प्रोफेसर डा. सुशील ओझा ने लोगों को आंखों की देखभाल के लिए जागरूक किया। इस दौरान डा. दुष्यंत उपाध्याय, डा. नीरज सारस्वत, डा. हर्षिता डबराल, डा. हिमानी पाल, डा. सचिन रोहिला, डा. तरुण आदि उपस्थित रहे।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में 200 आपरेशन
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में 25 से 31 दिसंबर तक मुफ्त नेत्र जांच एवं आपरेशन के लिए शिविर आयोजित किया गया। इसमें मुफ्त दवाएं, चश्मे दिए गए। मंगलवार को आखिरी दिन शिविर की शुरुआत मुख्य अतिथि प्राचार्य डा. अशोक नायक ने किया।
नेत्र रोग की विभागाध्यक्ष डा. तरनुम शकील ने बताया कि दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह के तहत 850 मरीजों को मुफ्त परामर्श दिया गया। वहीं, 200 के मुफ्त आपरेशन किए गए। शिविर में विभाग के सभी चिकित्सक, रेजीडेंटस एवं आप्टोमिट्रिस्टस का सहयोग रहा।
अब रात गुजारने के लिए इधर-उधर नहीं भटकेंगे तीमारदार
देहरादून: ज्यादातर अस्पतालों में मरीज के तीमारदार के ठहरने की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती है। ऐसे में उन्हें अस्पताल के बरामदे या फिर खुले में रात गुजारनी प़ड़ती है। बारिश या सर्द मौसम में उनकी दुश्वारियां कई गुना बढ़ जाती है। पर नया साल, उनके लिए नयी उम्मीद लेकर आया है।
शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में रैन बसेरा का निर्माण अंतिम चरण में है। जिसका संचालन भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, अस्पताल प्रशसान ने एक और रैन बसेरा की भी कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है।
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में न केवल शहर बल्कि पहाड़ के दूरस्थ इलाकों व यूपी-हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां हर दिन ओपीडी दो से ढाई हजार के बीच रहती है। मरीजों का यही दबाव आइपीडी में भी दिखता है। पर अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों को रात में रुकने की व्यवस्था देखनी पड़ती है। अब जबकि अस्पताल प्रशासन ने एक मरीज के साथ एक ही तीमारदार की अनिवार्यता कर दी है, एक से ज्यादा व्यक्ति का वार्ड में रुक पाना मुमकिन नहीं होगा। ऐसे में दिक्कत और बढ़ सकती है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि पुरानी इमरजेंसी के सामने रैन बसेरा का निर्माण अंतिम चरण में है। यह निर्माण विधायक निधि से किया जा रहा है। यहां दस से बारह लोग के रुकने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा ब्लड बैंक के सामने सीएसएसडी ब्लाक का निर्माण चल रहा है। इसमें भी एक रैन बसेरा संचालित किया जाएगा। जिसमें दस से पंद्रह व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था होगी। जिसके बाद तीमारदारों को रात गुजारने के लिए यहां-वहां नहीं भटकना न पड़ेगा।
पार्किंग की समस्या भी होगी दूर दू
न मेडिकल कालेज चिकित्सालय में पार्किंग की समस्या से भी नए साल में कुछ हद तक निजात मिल जाएगी। वर्तमान समय में अस्पताल में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। जिस कारण न सिर्फ मरीज व तीमारदार बल्कि स्टाफ को भी दिक्कत होती है। चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल परिसर में 575 बेड का नया भवन बन रहा है। जिसमें दो तल की पार्किंग होगी। इनमें 100 चौपहिया व 500 दोपहिया के खड़े होने की व्यवस्था है।
एनएबीएच प्रमाणन को सौंपी जिम्मेदारी एनएबीएच प्रमाणन के लिए कालेज प्रशासन ने एक कदम और बढ़ाया है। मंगलवार को एनएबीएच प्रभारी डा. आरपी खंडूरी की ओर से समितियों को अंतिम रूप देकर प्राचार्य डा. गीता जैन को पूरा कार्यवृत्त सौंप दिया है। प्राचार्य के अनुसार 18 समितियां बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष एवं सदस्य नामित कर दिए गए हैं।
ये समितियां पंद्रह दिन के भीतर प्राचार्य को विभागवार गैप एनालिसिस कर अपनी रिपोर्ट देंगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इन समितियों में प्राचार्य, एमएस डा. अनुराग अग्रवाल, डीएमएस डा. एनएस बिष्ट समेत कई विभागों के एचओडी एवं वरिष्ठ चिकित्सकों को अध्यक्ष बनाया गया है। डा. खंडूरी एक सप्ताह के भीतर हल्द्वानी मेडिकल कालेज से समन्वय बनाकर उनके द्वारा एनएबीएच लेवल वन की कार्रवाई का ब्योरा जुटाएंगे।