Uttarakhand News 26 March 2025: उधार की बिजली से प्रदेश सरकार के 84 विभाग तो रोशन हो रहे हैं, मगर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की बत्ती गुल हो गई है। यूपीसीएल ने राज्य में आरडीएसएस योजना लागू की है, जिसके तहत केंद्र सरकार अनुदान प्राप्त करने के लिए बिजली बिलों का समय पर भुगतान होना जरूरी है। लेकिन सरकार के ही विभागों ने बिजली बिलों पर कुंडली मार दी है।

नतीजा यह है कि विभागों पर 419 करोड़ का बकाया हो चुका है। बिजली बिलों की उधारी चुकाने के लिए अब यूपीसीएल को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से अनुरोध करना पड़ा। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को बिजली बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने मुख्य सचिव को बिजली बिलों का भुगतान लंबित होने के संबंध में मुख्य सचिव से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। मुख्य सचिव को बकायेदार विभागों की एक सूची भी भेजी गई। सीएस ने अपर मुख्य सचिव, सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को पत्र जारी किया। कहा कि यूपीसीएल ने केंद्र सरकार की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना लागू है। योजना का मुख्य उद्देश्य विद्युत हानियों को कम करना और शत-प्रतिशत राजस्व वसूली सुनिश्चित करना है।

2024-25 तक विद्युत हानियों को कम करने को शून्य करने का लक्ष्य है। इन लक्ष्यों को समय पर पूरा करने की दशा में केंद्र सरकार अनुदान देगी। लेकिन यदि लक्ष्यों को समय पर पूरा नहीं किया गया तो यही अनुदान कर्ज में तब्दील हो सकता है। इस लिहाज से सभी बकाया बिजली बिलों का पूरा भुगतान होना आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागों को बिजली बिलों का भुगतान करने और इसकी सूचना सचिव ऊर्जा को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।