Uttarakhand News 30 October 2025: आस्था और विश्वास के टकराव से जन्मा एक अनोखा मामला उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहुंचा जहां एक हिंदू महिला पूनम ने अपने पति से इस आधार पर तलाक मांगा कि उसका पति नास्तिक है और धार्मिक रीति-रिवाजों को नहीं मानता।

पत्नी का कहना था कि उसका पति भुवन चंद्र सनवाल और ससुराल वाले स्वयंभू संत रामपाल के अनुयायी हैं और किसी भी हिंदू परंपरा का पालन नहीं करते जबकि वह एक धार्मिक महिला है और पूजा पाठ करना चाहती है। महिला ने आरोप लगाया कि शादी के बाद उसे घर का मंदिर हटाने और देवताओं की मूर्तियां तक पैक कर बाहर रख देने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं, जब उनके बेटे का नामकरण संस्कार करने का समय आया, तो पति ने यह कहकर इनकार कर दिया कि उनके आध्यात्मिक मार्ग में ऐसे संस्कारों की अनुमति नहीं है। धार्मिक विश्वासों से समझौता न कर पाने पर महिला ने पारिवारिक न्यायालय नैनीताल में तलाक की अर्जी दी, लेकिन वहां उसकी याचिका खारिज कर दी गई।

इसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैथाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने कहा कि दंपति के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना अभी बाकी है। अदालत ने दोनों को परामर्श (काउंसलिंग) के लिए भेजने के आदेश दिए, ताकि सात वर्षीय बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुलह का रास्ता तलाशा जा सके।