Uttarakhand News 20 Nov 2025: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत आयोग ने 50.28 करोड़ का समायोजन बिलों में करने को कहा है। यह राहत जनवरी के बिलों में नजर आएगी।
अप्रैल से जून की तिमाही में यूपीसीएल ने एफपीपीसीए की गणना के आधार पर मंजूरी के लिए नियामक आयोग में पिटीशन फाइल की थी। नियामक आयोग ने इस अवधि में बिजली खरीद लागत अनुमान से कम करने के चलते 50.28 करोड़ रुपये का नकारात्मक एफपीपीसीए स्वीकृत किया, जिसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिलेगा।
आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद, सदस्य विधि अनुराग शर्मा, सदस्य तकनीकी प्रभात किशोर डिमरी ने अपने निर्णय में यह भी साफ किया कि यूपीसीएल दो महीने बाद उपभोक्ताओं से एफपीपीसीए वसूलेगा। उदाहरण के तौर पर, अप्रैल महीने का एफपीपीसीए जून की खपत पर लागू होगा, जिसकी बिलिंग जुलाई में होगी। साथ ही, उद्योग उपभोक्ताओं की मांग पर आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिए हैं कि हर महीने लागू होने वाला एफपीपीसीए पिछले महीने की 28 तारीख तक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए।
आयोग ने औसत बिजली खरीद दर 5.39 रुपये प्रति यूनिट मानी
नियामक आयोग ने यूपीसीएल की ओर से बताई गई औसत स्वीकृत बिजली खरीद दर 5.39 प्रति यूनिट को स्वीकार कर लिया। आयोग ने बताया कि यूपीसीएल के बिजली खरीद आंकड़े समय-समय पर संशोधित होते रहते हैं, जिन्हें अगले महीनों के एफपीपीसीए में समायोजित करना सही प्रक्रिया है। यूपीसीएल ने आयोग को बताया कि इस तिमाही में उनसे 27.28 करोड़ की अधिक वसूली हो गई है। चूंकि संबंधित महीनों के ऑडिटेड रिकॉर्ड अभी उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए आयोग ने इस राशि को अस्थायी रूप से आगे समायोजित करने की अनुमति दी है। ऊर्जा निगम को इसका अलग रिकॉर्ड रखने को कहा है।
आयोग ने पूरी गणना, विश्लेषण के बाद जो फैसला सुनाया है, उसके तहत जनवरी के बिलों में यह 50 करोड़ की छूट नजर आएगी। इससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।







