Uttarakhand News 2 July 2025: देहरादून एयरपोर्ट पर एक विमान के लैंडिंग गियर फेल होने पर दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में आग लग गई। इसमें घायल लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। इस मॉकड्रिल में एयरपोर्ट और बाहर के कुल आठ विभागों की टीम के करीब 150 लोग शामिल हुए।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दिशा-निर्देशों के तहत एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश में सभी संबंधित एजेंसियों की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन किया गया। एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि मॉकड्रिल में एयरपोर्ट फायर सर्विस भाविप्रा, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, कार्यरत एयरलाइंस, राज्य नगर अग्निशमन सेवा, एसडीआरएफ, एम्स ऋषिकेश (एयरपोर्ट एक्सटेंशन यूनिट), राज्य स्वास्थ्य विभाग, हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की टीमें शामिल रहीं। कहा कि अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय, प्रतिक्रिया समय, संसाधनों की त्वरित उपलब्धता और आपातकालीन योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था।
बस को डमी विमान के रूप में इस्तेमाल कर दो दमकल वाहनों से आग पर काबू पाते हुए ऑटोमेटिक कटर और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर घायलों को निकाला गया। करीब 45 मिनट तक रेस्क्यू किया गया। जिसमें घायलों की प्राथमिक चिकित्सा (ट्रायेज), यात्रियों का सुरक्षित निकास और सुरक्षा उपायों का व्यापक परीक्षण किया गया। मॉकड्रिल में संयुक्त महाप्रबंधन नितिन कादियान, फायर इंचार्ज ऊर्बादत्त भट्ट, सीआईएसएफ अस्टिटेंड कमांडेंट केसी श्रीवास्तव, रविंद्र गुप्ता आदि शामिल रहे।देहरादून एयरपोर्ट पर एक विमान के लैंडिंग गियर फेल होने पर दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में आग लग गई। इसमें घायल लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। इस मॉकड्रिल में एयरपोर्ट और बाहर के कुल आठ विभागों की टीम के करीब 150 लोग शामिल हुए।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दिशा-निर्देशों के तहत एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश में सभी संबंधित एजेंसियों की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन किया गया। एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि मॉकड्रिल में एयरपोर्ट फायर सर्विस भाविप्रा, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, कार्यरत एयरलाइंस, राज्य नगर अग्निशमन सेवा, एसडीआरएफ, एम्स ऋषिकेश (एयरपोर्ट एक्सटेंशन यूनिट), राज्य स्वास्थ्य विभाग, हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की टीमें शामिल रहीं। कहा कि अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय, प्रतिक्रिया समय, संसाधनों की त्वरित उपलब्धता और आपातकालीन योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था।
बस को डमी विमान के रूप में इस्तेमाल कर दो दमकल वाहनों से आग पर काबू पाते हुए ऑटोमेटिक कटर और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर घायलों को निकाला गया। करीब 45 मिनट तक रेस्क्यू किया गया। जिसमें घायलों की प्राथमिक चिकित्सा (ट्रायेज), यात्रियों का सुरक्षित निकास और सुरक्षा उपायों का व्यापक परीक्षण किया गया। मॉकड्रिल में संयुक्त महाप्रबंधन नितिन कादियान, फायर इंचार्ज ऊर्बादत्त भट्ट, सीआईएसएफ अस्टिटेंड कमांडेंट केसी श्रीवास्तव, रविंद्र गुप्ता आदि शामिल रहे।