Uttarakhand News 27 Feb 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) समूह-ग के तहत जनजाति कल्याण विभाग में सहायक अध्यापक के 27 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन दो मार्च को होगा। लिखित परीक्षा के लिए आयोग ने अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र आयोग की वेबसाइट www.ssssc.uk.gov.in पर जारी कर दिए हैं।
आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि आयोग ने बीते आठ नवंबर 2024 को जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत सहायक अध्यापक प्राइमरी के 15 पदों और सहायक अध्यापक (एलटी) कम्प्यूटर शिक्षा के 12 पदों के आवेदन आमंत्रित किए थे। अब आवेदन करने वाले पात्र अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा दो मार्च को दो पाली में होगी।
दो पाली में होगी परीक्षा
लिखित परीक्षा की पहली पाली प्रात: नौ बजे से 11 बजे तक सहायक अध्यापक प्राइमरी पदों के लिए होगी। दूसरी पाली दोपहर दो बजे से चार बजे तक सहायक अध्यापक (एलटी) कंप्यूटर शिक्षा के लिए ली जाएगी।
उन्होंने अभ्यर्थियों को निर्देशित किया कि डाउनलोड किए गए प्रवेश पत्र पर बार कोड भी अंकित होना चाहिए। लिखित परीक्षा में सम्मालित अभ्यर्थियों को अपना प्रवेश पत्र और पहचान पत्र साथ लाना अनिवार्य है।
भारत केंद्रित शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने पर शिक्षाविद करेंगे मंथन
देहरादून। उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी नितियों एवं विचारों के आदान-प्रदान और अनुसंधान का विस्तार कर इसे मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों पर देशभर के शिक्षाविद दो दिन मंथन करेंगे। दो दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन एक व दो मार्च 2025 को दून विश्वविद्यालय में आयोजित होगा।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरुमीत सिंह करेंगे। आपको बता दें कि शिखर सम्मेलन का आयोजन विद्याभारती उच्च शिक्षा संस्थान, दून विवि, उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग व उत्तराखंड विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
इन चीजों पर रहेगा फोकस
दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि इस अवसर पर देशभर से शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों व प्रबुद्ध जन संस्थागत नेतृत्व व उच्च शिक्षा जगत में भारत केंद्रित शिक्षा, अनुसंधान का विस्तार करने पर फोकस होगा। साथ ही अनुसंधान को मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों पर अपनी राय रखेंगे। यह सम्मेलन शिक्षा नीतियों एवं प्रयासों में परिवर्तनकारी नवविचारों के प्रवाह का महाकुंभ साबित होगा।
सदृढ़ समाज की होगी स्थापना
प्रो. सुरेखा डंगवाल ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन भविष्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा और वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक एवं सदृढ़ समाज की स्थापना करने में लाभकारी साबित होगा।