Uttarakhand News 16 Dec 2025: देहरादून। शहर में बढ़ते कुत्तों के हमलों और जनसुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए नगर निगम देहरादून ने पालतू और आवारा कुत्तों को लेकर नये सख्त बायलॉज लागू कर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में बनाए गए इन नियमों के तहत अब कुत्ता पालने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना, कुत्ते की जब्ती और एफआईआर तक का प्रविधान किया गया है।
खूंखार कुत्ता पालने के लिए कम से कम 300 वर्ग गज क्षेत्रफल का घर होना जरूरी है और उसे खुले में घुमाने पर भी सख्ती कर दी गई है।
नये बायलॉज के अनुसार, तीन माह या उससे अधिक आयु के प्रत्येक पालतू कुत्ते का पंजीकरण जरूरी होगा, जिसकी वैधता एक वर्ष तक रहेगी। बिना पंजीकरण कुत्ता पालने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यदि लाइसेंस अवधि के दौरान एंटी रेबीज टीकाकरण की वैधता समाप्त होती है तो लाइसेंस स्वतः निरस्त माना जाएगा। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि इन नियमों का उद्देश्य जनसुरक्षा सुनिश्चित करना, कुत्तों के प्रति जिम्मेदाराना व्यवहार को बढ़ावा देना और शहर में संतुलन बनाए रखना है। नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जल्द ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
आक्रामक नस्लों पर विशेष सख्ती
नगर निगम ने पिटबुल, रोटवीलर, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग सहित अन्य अति आक्रामक नस्लों के लिए अलग नियम तय किए हैं। इन नस्लों के कुत्तों के लिए 2000 रुपये वार्षिक लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है।
एक वर्ष की आयु पूरी होने के बाद इन कुत्तों की नसबंदी अनिवार्य होगी और उसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही इन नस्लों की ब्रीडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। पहले से मौजूद ऐसे कुत्तों के स्वामियों को तीन माह के भीतर खरीद और नसबंदी प्रमाण पत्र नगर निगम में जमा करना होगा।
खुले में घुमाने और शौच पर रोक
नए नियमों के तहत पालतू कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों पर बिना पट्टा, मुंहबंद और निगरानी के ले जाना प्रतिबंधित किया गया है। खुले में शौच कराने पर भी चालानी कार्रवाई होगी।
कुत्ते के काटने की स्थिति में घायल की गंभीरता के अनुसार अलग-अलग जुर्माना लगेगा, वहीं गंभीर मामलों में स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कुत्ता जब्त किया जा सकता है। अत्यधिक भौंकने की शिकायत मिलने पर भी नोटिस और चालान की व्यवस्था की गई है।
शेल्टर और फीडिंग प्वाइंट की व्यवस्था
पांच या उससे अधिक कुत्ते पालने वालों के लिए प्राइवेट श्वान पशु शेल्टर अनिवार्य किया गया है। इसके लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की अनुमति, नगर निगम को सूचना और 1000 रुपये वार्षिक लाइसेंस शुल्क देना होगा।
आवासीय क्षेत्र के पास शेल्टर होने पर पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जरूरी होगा। वहीं, आवारा कुत्तों के लिए नगर निगम कॉलोनियों और रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी में निर्धारित फीडिंग प्वाइंट बनाएगा। स्कूलों, धर्मस्थलों, भीड़भाड़ वाले स्थानों और कॉलोनियों के प्रवेश-निकास बिंदुओं पर कुत्तों को खाना खिलाने पर कार्रवाई की जाएगी।







