Uttarakhand News 21 June 2024: परिसंपत्तियों का पंजीकरण व डिजिटल सीमारेखा तैयार की जा रही है। इसमें अब तक 65 हजार सरकारी परिसंपत्तियों की लोकेशन व उसकी आधारभूत सूचनाएं जैसे खसरा, खतौनी, क्षेत्रफल, विभाग, उपयोग आदि जानकारी दर्ज हो चुकी है।
सरकारी भूमि या संपत्ति पर अतिक्रमण रोकने के लिए बनाए जा रहे सिस्टम में अब तक 65 हजार संपत्तियों की जानकारी दर्ज की जा चुकी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व हाई रेज्यूलेशन सेटेलाइट डाटा जैसी आधुनिक तकनीक पर आधारित यह मोबाइल एप्लीकेशन उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यू-सैक) तैयार कर रहा है। इसके जरिए भूमि उपयोग या सीमा रेखा में कोई बदलाव होने पर संबंधित अधिकारी को मोबाइल पर अलर्ट मिलेगा।
इसे उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम नाम दिया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा जिलावार परिसंपत्तियों का पंजीकरण व डिजिटल सीमारेखा तैयार की जा रही है। इसमें अब तक 65 हजार सरकारी परिसंपत्तियों की लोकेशन व उसकी आधारभूत सूचनाएं जैसे खसरा, खतौनी, क्षेत्रफल, विभाग, उपयोग आदि जानकारी दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा 35 हजार से अधिक परिसंपत्तियों की डिजिटल सीमारेखा निर्माण का कार्य भी किया जा चुका है। यह हर छह महीने पर अपडेट होगा।
इस मोबाइल एप्लीकेशन को सभी विभागों के राज्य एवं जिलास्तरीय अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया है। ऐप के तकनीकी संचालन एवं परियोजना को लागू करने के लिए सभी जिलों में मास्टर ट्रेनर्स को चिन्हित कर ट्रेनिंग भी दी गई है। इसके माध्यम से राज्य के विभिन्न विभाग सरकारी परिसंपत्तियों की लोकेशन व अन्य सूचनाएं दर्ज कर रहे हैं। बाकी परिसंपत्तियों का कार्य भी प्रगति पर है।







