Uttarakhand News, 06 June 2023: उत्तराखंड राज्य में भी ‘सेक्सटॉर्शन’ के केसा आने लगे हैं। शातिरों द्वारा न्यूड कॉल करने के बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू होता है। चिंता की बात है कि उत्तराखंड के कई शहरों में अब तक ‘सेक्सटॉर्शन’ के कई मामले सामने आ चुके हैं। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई भी की जाती है।
केस दर्ज करने के बाद जांच के बाद उत्तराखंड पुलिस ने अब तक डेढ़ करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम पीड़ितों को वापस दिलाई है। ब्लैकमेलिंग के साइबर धंधे में ‘सेक्सटॉर्शन’ प्रचलित शब्द बन चुका है। कुमाऊं के युवा भी साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर सेक्सटॉर्शन का शिकार हो रहे हैं।
पंतनगर साइबर थाने में प्रतिमाह ठगी के मामलों में से चार-पांच मामले सेक्सटॉर्शन के आ रहे हैं। वर्ष 2021 से अपराधियों ने ‘सेक्सटॉर्शन’ के नाम से साइबर क्राइम का नया काला अध्याय लिखना शुरू किया। साइबर थाना पुलिस के मुताबिक, ‘सेक्सटॉर्शन’ में पहले व्हाट्सएप और फेसबुक में महिलाओं की फेक आईडी के जरिए किसी व्यक्ति से दोस्ती की जाती है।
इसमें व्यक्ति को वीडियो कॉल में झांसा देकर रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट बना दिया जाता है। इसके बाद ठग एडिटिंग के जरिए वीडियो को आपत्तिजनक बनाकर संबंधित व्यक्ति को भेजते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा और बदनामी के डर से व्यक्ति दबाव में आ जाता है।
यहीं से साइबर ठग ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देते हैं।कई युवा इस तरह से सेक्सटॉर्शन का शिकार होकर लाखों की रकम गंवा चुके हैं। वहीं ज्यादातर मामलों में लोग सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते खुलकर सामने भी नहीं आते हैं। एक जनवरी 2021 से मई 2023 तक लगभग 40 साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ठगी के आरोपी को दोषसिद्ध होने पर धारा 420 के तहत सात साल, आईटी एक्ट 66 सी के तहत तीन साल की सजा होती है। उत्तराखंड पुलिस सेक्सटॉर्शन के मामलों पर केस दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई भी करती है।
ललित जोशी, प्रभारी साइबर थाना – कुमाऊं में भी सेक्सटॉर्शन के मामले अब बढ़ने लगे हैं। इस साल भी कई मामले आ चुके हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते बहुत से लोग शिकायत नहीं करते हैं। वहीं जांच में इन मामलों का केंद्र राजस्थान और आसपास के इलाकों से ही पाया गया है।