Uttarakhand News 09 Jan 2025: Madrassas in Dehradun: राज्य सरकार की ओर से मदरसों का सच जानने के लिए जो अभियान चलाया जा रहा है, उसका सच सामने आने लगा है।

देहरादून जिले में 35 मदरसे ऐसे पाए गए हैं, जो उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से पंजीकरण के बिना ही संचालित किए जा रहे हैं। अब जिला प्रशासन इसकी रिपोर्ट शासन को भेज रहा है। ताकि इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

प्रदेश में संचालित मदरसों की हकीकत जानने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित मदरसों की हकीकत जानने के निर्देश जारी किए थे। इसके क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी उपजिलाधिकारियों से पंजीकृत और गैर पंजीकृत मदरसों की सूची तलब की। साथ ही वहां पढ़ रहे छात्रों, शिक्षकों और सुविधाओं का ब्योरा भी तलब किया।

अब उपजिलाधिकारियों ने अपने क्षेत्र की रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून में कुल 90 मदरसों के संचालन की जानकारी मिली है। इनमें से 35 मदरसे ऐसे हैं, जिन्होंने मदरसा बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराया है। वहीं, एक मदरसे का नवीनीकरण नहीं हो पाया है और कुछ मदरसे ऐसे हैं, जिन्होंने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।

गैर पंजीकृत मदरसों में पढ़ रहे तीन हजार से अधिक छात्र
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में संचालित किए जा रहे पंजीकृत और अपंजीकृत कुल 90 मदरसों में 9,720 छात्र पढ़ रहे हैं। गैर पंजीकृत 35 मदरसों में ही तीन हजार से अधिक छात्रों के नाम दर्ज हैं।

तहसीलवार मदरसों की स्थिति
तहसील, अपंजीकृत, कुल
विकासनगर, 18, 60
देहरादून सदर, 10, 23
डोईवाला, 06, 06
कालसी, 01, 01
तहसीलवार मदरसों में दर्ज छात्र
विकासनगर, 6031
देहरादून सदर सदर, 2750
डोईवाला, 884
कालसी, 55

मदरसों में सुविधाओं का अभाव
जिला प्रशासन की रिपोर्ट बताती है कि जिले में संचालित किए जा रहे मदरसे विभिन्न सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। पंजीकृत मदरसों तक में आवश्यक संसाधनों का अभाव है। कई मदरसे ऐसे हैं, जिनमें खेल के साधन नहीं है। जिले में संचालित किए जा रहे कई मदरसे आवासीय श्रेणी के भी हैं और इनमें दूसरे राज्यों के छात्र भी पढ़ रहे हैं।

सिर्फ सोसायटी एक्ट में पंजीकरण
देहरादून में संचालित किए जा रहे तमाम मदरसे सिर्फ सोसायटी एक्ट में पंजीकृत हैं। सिर्फ इसी आधार पर वह छात्रों को तालीम दे रहे हैं। कई मदरसों में मध्याह्न भोजन की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।