Uttarakhand News 13 Nov 2023: Uttarkashi Tunnel Collapse- प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से उत्तरकाशी की घटना की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट साझा कर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना से निपटने हेतु हर संभव मदद का आश्वासन दिया। भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
Uttarkashi Tunnel Collapse – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तरकाशी की घटना की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट साझा कर यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री धामी ने लिखा, ‘लेपचा, हिमाचल प्रदेश से लौटते ही आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोन के माध्यम से आज उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल निर्माण के समय मलबा आने की वजह से टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए संचालित बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं वस्तु स्थिति से अवगत कराया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस दुर्घटना से निपटने हेतु हर संभव मदद का आश्वासन दिया। भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने हेतु निर्देशित कर दिया गया है।’
फंसे श्रमिकों की संख्या में विरोधाभास:
सुरंग में फंसे श्रमिकों की संख्या को लेकर विरोधाभास बना हुआ है। पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरंग के अंदर 36 श्रमिकों के फंसने की जानकारी दी। जबकि, नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार का कहना है कि टनल के अंदर 40 श्रमिक फंसे हैं।
सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों का विवरण:
बिहार- 4
उत्तर प्रदेश- 8
बंगाल- 3
झारखंड- 15
असम- 2
हिमाचल प्रदेश- 1
उत्तराखंड- 2
उड़ीसा- 5
होरिजेंटल ड्रिलिंग मशीन मंगवाई:
गिरते मलबे को थामने के लिए शॉर्ट कीटिंग मशीन मौके पर पहुंच चुकी है और लखवाड़ परियोजना से एक होरिजेंटल ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई है। फंसे हुए श्रमिकों को निकालने का रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उत्तराखंड के जो दो श्रमिक फंसे हैं उनमें एक श्रमिक कुंभ चौड़ कोटद्वार और एक श्रमिक पिथौरागढ़ निवासी है।
सुरंगों में पहले भी फंस चुके श्रमिक:
सुरंग निर्माण के जानकार शरद रावत कहते हैं कि सुरंग के निर्माण के दौरान कैविटी खुलना और मलबा गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। वर्ष 2005 में जलविद्युत निगम की जोशियाड़ा धरासू सुरंग कैविटी खुलने से बंद हो गई थी और 20 श्रमिक करीब 14 घंटे तक सुरंग के अंदर ही फंसे रहे। भूस्खलन के मलबे के बीच लोहे का मोटा पाइप डाला गया था, जिसके जरिये उन्हें बाहर निकाला गया।