Uttarakhand News 3 July 2025: हाई कोर्ट ने हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र में जमीनी विवाद में एक व्यक्ति की मौत व अन्य सात के घायल होने की घटना के आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से घटना की वीडियो क्लिपिंग पेश की, जिसको देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि दोनों मुकदमों में चार्जशीट पेश की जानी थी।
एक प्राथमिकी में चार्जशीट व दूसरे में विवेचक की ओर से फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी जबकि मामला एक ही अपराध से जुड़ा हुआ है। इस विवाद में क्रास प्राथमिकी भी दर्ज की गई और जांच के लिए अलग-अलग जांच अधिकारी की नियुक्त कर दी।
कोर्ट ने कहा कि यदि एक विवेचक जांच करता तो रिपोर्ट सही आती, दोनों की रिपोर्ट विरोधाभासी है। साफ कहा कि जांच सही नहीं हुई है। कोर्ट ने राज्य के सभी जिलों पुलिस प्रमुखों तथा पुलिस महानिदेशक को अगले मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान कहा गया कि पुलिस मैनुअल के मुताबिक अपराध होने के बाद दर्ज मुकदमे में 60 या 90 दिन के भीतर जांच पूरी कर विवेचक को कोर्ट में चार्जशीट पेश करनी होती है।
अगर तय समय चार्ट शीट पेश नहीं की गई तो अभियुक्त डिफॉल्ट जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन करता है, अगर आरोपी के मामले में जांच अधिकारी की ओर से चार्जशीट पेश नहीं की जाती है और उसे कोर्ट से जमानत मिल जाती है, इस पर पुलिस विभाग जांच अधिकारी की एसीआर और साल में मिलने वाला वेतन वृद्धि में कटौती करता है।
कोर्ट ने यह भी माना कि एक जांच अधिकारी को तय समय के भीतर अपराध की जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश करनी है, वीआईपी ड्यूटी पर तैनात रहना है, आपदा में मुस्तैद रहना है, साथ यातायात नियमों का अनुपालन करवाने को चालान करना भी पड़ता है।
हादसों व आपदा के समय भी कार्य करना है। इन परिस्थितियों में विवेचक के पास कितना समय बचता। है, वह आपराधिक मामलों की जांच करे या जनता की। ऊपर से सही जांच नहीं करने पर विभाग की ओर से सजा दी जाती है। अगली सुनवाई के दौरान अधिकारी कोर्ट में पेश होकर स्थिति से अवगत कराएं।।
यह था मामला
हरिद्वार के मंगलौर थाने में 23 सितंबर 2024 को मृतक आजाद के स्वजनों की ओर से शिकायत दर्ज कर कहा कि आजाद और गांव ही निवासी जोगिंदर के बीच जमीनी विवाद चल रहा था। जब आजाद अपने खेतों में पापुलर के पेड़ों को पानी देने जा रहा था, तो जोगिंदर व उसके साथी धारदार हथियार के साथ खड़े थे।
हमलावरों ने आजाद के साथ हाथापाई की गई, फिर कुल्हाड़ी से उसके सिर पर वार किया। जिससे उसकी मौत हो गई। जब घटना पता स्वजनों व ग्रामीणों चला तो उन्होंने आरोपितों पर हमला कर दिया। जिसमें कई लोग गंभीर रूप से चोटिल हो गए, जब इसकी शिकायत थाने में कई गयी तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इसके बाद मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया।