उत्तराखंड: गांवों के निवासियों को आठ विभागों की 67 सेवाएं आनलाइन देने के उद्देश्य से 670 न्याय पंचायतों में मिनी सचिवालय की अवधारणा को धरातल पर मूर्त रूप दिया जा रहा है। 100 न्याय पंचायतों में मिनी सचिवालय दो अक्टूबर से कार्य करना प्रारंभ कर देंगे।

शहरी क्षेत्रों की भांति आने वाले दिनों में गांवों में भी ग्रामीणों को मूल निवास, चरित्र, जाति समेत अन्य प्रमाणपत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। और तो और, युवा गांव से ही क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण भी कर सकेंगे।
इस कड़ी में गांवों के निवासियों को आठ विभागों की 67 सेवाएं आनलाइन देने के उद्देश्य से 670 न्याय पंचायतों में मिनी सचिवालय की अवधारणा को धरातल पर मूर्त रूप दिया जा रहा है।

100 न्याय पंचायतों में दो अक्टूबर से कार्य प्रारंभ कर देंगे मिनी सचिवालय: प्रथम चरण में 100 न्याय पंचायतों में मिनी सचिवालय स्थापित किए जाएंगे। ये दो अक्टूबर से कार्य करना प्रारंभ कर देंगे। इसके माध्यम से न्याय पंचायतों के अंतर्गत आने वाले गांवों के निवासियों को ये सेवाएं उपलब्ध होंगी।

पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय की अवधारणा को धरातल पर उतारने की दिशा में विभाग ने कसरत शुरू की है। इस बीच केंद्र सरकार ने पंचायतों के सशक्तीकरण के साथ ही वहां कंप्यूटर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया।

इसी क्रम में मिनी सचिवालय की मुहिम पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मिनी सचिवालय में इंटरनेट समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, ताकि ग्रामीणों को आनलाइन सेवाएं आसानी से मिल सकें।
निदेशक पंचायती राज बंशीधर तिवारी के अनुसार मिनी सचिवालयों के माध्यम से विभिन्न विभागों की आनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कामन सर्विस सेंटर सेवा प्रदाता फर्म के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। इसके अलावा बैंकिंग सुविधा देने के लिए इंडसइंड बैंक के साथ एमओयू को लेकर बातचीत जारी है।

यह बैंक अपने बिजिनेस प्रतिनिधि के माध्यम से सेवाएं देंगे। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर को सौ न्याय पंचायतों में मिनी सचिवालय स्थापित कर उन्हें इंटरनेट समेत सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया जाएगा। प्रयास है कि गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को इनका उद्घाटन भी कर दिया जाए।

इन विभागों की मिलेंगी आनलाइन सेवाएं:

    1.राजस्व
    2.पंचायती राज
    3.प्रशिक्षण एवं सेवायोजन
    4.समाज कल्याण
    5.मत्स्य पालन
    6.पेयजल
    7.श्रम व ऊर्जा