Uttarakhand News 23 October 2025: देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) की दिल्ली-एनसीआर के लिए संचालित होने वाली बसें प्रभावित हो सकती हैं। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बढ़ गया है।

ऐसे में वहां सीएनजी और वाल्वो बीएस-6 बसें ही संचालित की जा सकती हैं, जबकि सामान्य दिनों में यहां के विभिन्न डीपो से 400 बसें संचालित की जाती हैं।

इनमें साधारण, सीएनजी, वाल्वो बीएस-6 बसें शामिल हैं। बसों का संचालन घटने से रोडवेज की आय को भारी नुकसान होगा। रोडवेज को दिल्ली रूट से प्रतिदिन तकरीबन 72 लाख रुपये की आय अर्जित होती है।

दरअसल, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सभी राज्यों को बीएस-6 एवं सीएनजी बसें संचालित करने के पूर्व में भी निर्देश दिए थे। हालांकि, दो बार चेतावनी देकर तिथि बढ़ाई गई है। लेकिन पटाखों के प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में जहर घुल गया है।

ऐसे में उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली-एनसीआर के लिए संचालित होने वाली बसें प्रभावित हो सकती हैं। यदि दिल्ली सरकार बसों पर रोक लगाती है, तो उत्तराखंड से नौ वाल्वो एवं 150 सीएनजी बसें ही संचालित हो सकेंगी। देहरादून आइएसबीटी की बात की जाए, तो प्रतिदिन 100 बसें संचालित की जाती हैं। जिसमें 18 वाल्वो, 40 सीएनजी एवं अन्य साधारण बसें शामिल हैं।

रोडवेज ने बसें खरीदीं, लेकिन अधिकतर पहाड़ी रूट की
रोडवेज ने अलग-अलग समय पर बसें खरीदीं, लेकिन इनमें अधिकतर पहाड़ी रूट पर संचालित हैं। जबकि रोडवेज की कमाई का रूट दिल्ली है। जहां से हर माह करोड़ों की आय अर्जित की जाती है। अब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से बसों पर रोक लगने के आसार हैं। वर्तमान में रोडवेज की तकरीबन 1,250 बसें संचालित की जा रही हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा बसें दिल्ली रूट की हैं।

60 प्रतिशत घट जाएगी इनकम
दिल्ली-एनसीआर में साधारण बसों के प्रवेश पर यदि रोक लगती है, तो निगम की 60 प्रतिशत इनकम घट जाएगी। जिसकी भरपाई पहाड़ी रूटों से नहीं हो सकती। रोडवेज बसों को खरीदता रहा, लेकिन जिन कमाई वाले रूटों पर बीएस-6, सीएनजी बसें खरीदी जानी थी। उन बसों को नहीं खरीद पाया। जबकि रोडवेज के पास इलेक्ट्रिक बस एक भी उपलब्ध नहीं है।